फिलहाल चुनाव लडने के मूड में नहीं प्रीति बंड
* 29 अक्तू. की सुबह स्पष्ट करेंगी अपनी भूमिका
* बंड समर्थक शिवसैनिकों का निवासस्थान पर आना लगातार जारी
अमरावती /दि.26- शिवसेना उबाठा की ऐन वक्त पर टिकट कटने के बाद प्रीति बंड के समर्थक शिवसैनिकों में तीव्र रोष व्याप्त है और अब बडनेरा विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ता लगातार प्रीति बंड के रुख्मिणी नगर स्थित निवास स्थान पर सुबह से रात तक मिलने आ रहे हैं. लेकिन उम्मीदवारी न मिलने के बाद प्रीति बंड ने निर्दलीय के रुप में चुनाव न लडने की मानसिकता बनाई दिखाई देती है. फिर भी उन्होंने दैनिक अमरावती मंडल को बताया कि वह अपने कार्यकर्ताओं से मिलकर चर्चा करने के बाद अपनी भूमिका मंगलवार 29 अक्तूबर को सुबह निश्चित करेंगी.
बता दें कि शिवसेना के वरिष्ठ नेता व पूर्व विधायक स्व. संजय बंड की पत्नी प्रीति बंड को आगामी 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में बडनेरा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से महाविकास आघाडी की शिवसेना उबाठा की उम्मीदवारी मिलना लगभग तय था. लेकिन उम्मीदवारों की घोषणा होने के पूर्व अंतिम समय में प्रीति बंड का टिकट कट गया और शिवसेना उबाठा के जिला प्रमुख सुनिल खराटे के नाम की उम्मीदवारी बडनेरा से घोषित हो गई. प्रीति बंड की टिकट कटने के बाद उनके समर्थकों में तीव्र रोष देखा गया. आनन-फानन में दूसरे दिन सुयोग मंगल कार्यालय में कार्यकर्ताओं की बैठक भी ली गई और उसी दिन बडनेरा और तिवसा निर्वाचन क्षेत्र से प्रीति बंड के नाम से नामांकन भी उठाया गया. लेकिन प्रिती बंड ने अभी अपनी भूमिका स्पष्ट नहीं की है.
चर्चा थी कि, शिवसेना उबाठा से अपनी टिकट कटने के बाद प्रीति बंड द्वारा विधायक बच्चू कडू की प्रहार जनशक्ति पार्टी से चुनाव लडा जा सकता है, लेकिन खुद प्रीति बंड द्वारा इस संदर्भ में कोई वक्तव्य नहीं दिया गया है. चूंकि आगामी 29 अक्तूबर तक नामांकन दाखिल किया जा सकता है. ऐसे में प्रीति बंड को चुनाव लडने हेतु मनाने के लिए बंड समर्थक शिवसैनिकों का बंड परिवार के श्रीविकास कालोनी स्थित निवासस्थान पर लगातार आना जारी है. जिनके साथ प्रीति बंड भी नम्रता से मुलाकात कर चर्चा कर रही है.
प्रीति बंड दैनिक अमरावती मंडल को बताया कि उनकी उम्मीदवारी पार्टी की तरफ से निश्चित थी. शिवसेना उबाठा के अध्यक्ष उध्दव ठाकरे ने भी जब वह मुंबई गई, तब स्पष्ट शब्दों में कहा था कि आपको मुंबई आने की आवश्यकता नहीं है. आपकी उम्मीदवारी निश्चित है और अब अपने निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार कार्य शुरू कर मतदाताओं से मिले. उध्दव साहेब के इस आदेश के बाद ही प्रीति बंड ने चार दिनों से बडनेरा विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न इलाको में पदयात्रा के माध्यम से मतदाताओं से मिलना शुरू किया था. चार दिन प्रचार को हो भी गए थे और जिस दिन उम्मीदवारी की घोषणा होने वाली थी. उस दिन दोपहर 3 बजे तक प्रीति बंड का ही नाम चर्चा में था. लेकिन अंतिम एक से डेढ घंटे में ऐसा क्या हुआ. जिससे उनकी उम्मीदवारी कट गई. इस बाबत प्रीति बंड गुट में काफी आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है. शिवसेना उबाठा के पश्चिम विदर्भ संपर्क प्रमुख व सांसद अरविंद सावंत ने भी अमरावती दौरे पर रहते स्थानीय नेताओं व कार्यकर्ताओं से कहा था कि नये चेहरे को इस बार उम्मीदवारी देने दो और उन्होंने प्रीति बंड का ही नाम सबके समक्ष लिया था. लेकिन बाद में अंतिम समय में अचानक टिकट कट जाने से बंड समर्थकों में काफी आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है और उनमें तीव्र रोष व्याप्त है. प्रीति बंड का कहना है कि वह अपने नेता उध्दवजी से लगातार बातचीत करने का प्रयास कर रही है. लेकिन उनकी बात नहीं हो पा रही है. लेकिन उध्दवजी से मिलकर यह जरुर जानना है कि ऐसा क्या हुआ जिससे उनकी टिकट काटी गई. वर्तमान में पार्टी से बगावत करने की उनकी मानसिकता नहीं है. इस कारण अब चुनाव न लडने की उनकी मानसिकता दिखाई दे रही है. फिर भी उन्होंने कार्यकर्ताओं को 29 अक्तूबर की सुबह तक खामोश रहने कहा है. 29 अक्तूबर को सुबह प्रीति बंड चुनाव लडने अथवा न लडने बाबत अपनी भूमिका कार्यकर्ताओं के सामने स्पष्ट करेंगी.
* बागी भूमिका की सोच नहीं
उम्मीदवारी न मिलने के बाद प्रीति बंड ने दैनिक अमरावती मंडल से कहा कि वह पार्टी व उनके नेता उध्दव बालासाहेब ठाकरे का काफी सम्मान करती है. टिकट न मिलने के बाद निर्दलीय के तौर पर अथवा अन्य दल के समर्थन में चुनाव लडना यह बगावत करने की भूमिका कही जाएगी. इस कारण वह अभी भी कार्यकर्ताओं से विचार विमर्श कर रही है. साथ ही वरिष्ठ नेताओं से भी संपर्क में है. फिलहाल चुनाव लडने बाबत उनकी कोई मानसिकता नहीं है. फिर भी अपनी भूमिका मंगलवार 29 अक्तूबर को सुबह स्पष्ट करेंगी.