अमरावतीमहाराष्ट्र

गर्भवती को ह्दयाघात, डॉक्टरों ने बचायी जान

मेलघाट की अनुराधा ने शिशु को दिया जन्म

* डफरीन के डॉक्टरों के प्रयास सफल
अमरावती/दि.12-शहर के जिला महिला अस्पताल डफरीन में रविवार को धारणी के उपजिला अस्पताल से एक गर्भवती महिला को रेफर किया गया था. इस महिला को ह्दयाघात की तकलीफ होने से उसे नागपुर रेफर करने का निर्णय लिया गया था. परंतु मध्यरात्रि 3 बजे के करीब इस महिला को प्रसव पीडा होने से अस्पताल में तज्ञ डॉक्टरों ने सिजेरियन करने का निर्णय लिया. प्रसुति सफल होने से माता और शिशु इन दोनों की जान बचाने डॉक्टरों को सफलता मिली है.
मेलघाट में स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव के कारण वहां की कई गर्भवति माताओं को अमरावती के जिला महिला अस्पताल में रेफर किया जाता है. इसी प्रकार धारणी तहसील के नागझिरा गांव की निवासी अनुराधा जांभेकर (25) यह गर्भवती महिला धारणी उपजिला अस्पताल में भर्ती हुई थी. अनुराधा को ह्दयाघात की तकलीफ रहने से धारणी में प्रसुति करना असंभव था. इसलिए रविवार की रात 10 बजे के करीब उसे डफरीन में रेफर किया गया था. उस समय डफरीन में स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ.सबा तबसूम, वैद्यकिय अधिकारी डॉ.दीपक पवार ने जांच कर इसकी जानकारी स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ.प्रियंका पाचबुद्धे को दी. उन्होंने भी जांच करने के बाद अनुराधा को वॉर्ड नंबर 2 में भर्ती कर लिया. अनुराधा को ह्दयाघात की तकलीफ रहने से फिजिशियन डॉ.सतीश डहाके ने भी समय पर अस्पताल में आकर जांच की, परंतु मध्यरात्रि को 3 बजे अचानक अनुराधा को प्रसव पीडा शुरु हुई. इसलिए डॉ.प्रियंका पाचबुद्धे ने सिजेरियन करने का निर्णय लिया. इस समय समुपदेशक प्रकाश खाडके को आवश्यक बी पॉजिटिव ब्लड की व्यवस्था करने कहा गया. सरकारी अस्पताल में ब्लड उपलब्ध नहीं रहने से बालाजी रक्तपेढी से आवश्यक रक्त उपलब्ध कराया गया. इसके बाद प्रियंका पाचबुद्धे, ऍनेस्थेसिस्ट डॉ.अनूप बोंद्रे, बालरोग विशेषज्ञ डॉ.प्रियंका हावरे ने सिजेरियन की शुरु किया. सभी डॉक्टरों के प्रयास से महिला की प्रसुति सफल होकर माता और शिशु को जान बची.दोनों स्वस्थ है, ऐसा डॉक्टरों ने बताया. यह शल्यक्रिया वैद्यकिय अधीक्षक डॉ.विनोद पवार, अतिरिक्त जिला शल्यचिकित्सक डॉ.अरूण सालुंके के मार्गदर्शन में की गई.

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