अमरावती/प्रतिनिधि दि.१७ – जिले के अंजनगांव सुर्जी तहसील क्षेत्र में किसानों व्दारा पानपिंपरी का उत्पादन बड़े पैमाने पर लिया जाता है. जिसके चलते यहां पर पान पिंपरी उत्पादक किसानों की संख्या बड़ी मात्रा में है. वहीं अब श्रीमती राधाबाई सारडा महाविद्यालय की ओर से वनस्पति शास्त्र विभाग व अंजनगांव की कार्ड संस्था परिसर में उत्पादित होने वाले पान पिंपरी फसल के भौगोलिक चिन्हांकन करने की पहल शुरु कर रही है.
बता दें कि भौगोलिक चिन्हांकन करना यानि एक तरह की मानांकन करने की प्रक्रिया है. यह भौगोलिक क्षेत्र से जुड़ा हुआ है. प्राकृतिक रुप से मानवी प्रयासों से उत्पादित होने वाले खेत माल की पहचान, गुणवत्ता, और विशेष गुणधर्म का जतन करने के लिए यह चिन्हांकन महत्वपूर्ण है. राष्ट्रीय के अलावा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ब्रांड निर्माण करने तथा व्यापारिक महत्ता बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. इसके लिए तकनीकी सहायता हेतु वनस्पति शास्त्र विभाग तैयार है. साथ ही कार्ड संस्था से समन्वय करार अंतर्गत आपूर्ति कराकर पान पिंपरी को गतिमान किया जाएगा. यहां बता दें कि पश्चिम विदर्भ के अमरावती, अकोला, बुलढाणा जिलों में लगभग 800 हेक्टर क्षेत्र में पान पिंपरी का उत्पादन काफी समय से चल रहा है. इनमें अल्प व अत्यल्प भूधारक किसानों का समावेश है. लगभग 10 हजार किसान परिवारों की उपजीविका का यह साधन है. फसल को भौगोलिक चिन्हांकन प्राप्त होने के बाद क्षेत्र के किसानों को बेहतर अवसर उपलब्ध होंगे.