अमरावती

सोना-चांदी गिरवी रखकर काली मिट्टी से ‘मोती’ उगाने की तैयारी

आर्थिक दिक्कतों से जूझ रहा है अन्नदाता किसान

* बडी उम्मीदों के साथ चल रहा खेतों में खरीफ की बुआई का काम
अमरावती/दि.27– मान्सून के सक्रिय होते ही किसानोें द्वारा गरमी के मौसम में चिलचिलाती धूप के बीच पसीना बहाकर तैयार किये गये अपने खेतों में अब खरीफ फसलों की बुआई की तैयारी की जा रही है, ताकि काली मिट्टी से अनाज के रूप में मोतीनुमा दाने उगाये जा सके. लेकिन खरीफ फसलों की बुआई में किसानों को कई तरह की समस्याओं व दिक्कतों का सामना भी करना पड रहा है, क्योंकि इससे पहले अत्यल्प वर्षा तथा अतिवृष्टि के साथ ही बेमौसम हुई बारिश की वजह से किसानों को फसलों की बर्बादी का सामना करना पडा. जिससे विगत वर्ष लिये गये कर्ज की अदायगी बकाया रह गई और इस बार बकायेदार किसानों को बैंकों द्वारा नया फसल कर्ज देने में आना-कानी की जा रही है. जिसके चलते किसानों के हाथ खाली है. ऐसे में उन्हें धरती का सीना चीरकर अपने खेतों से अनाज के मोती उगाने के लिए अपने घर-परिवार में रखे सोने-चांदी के आभूषण गिरवी रखने पड रहे है, ताकि थोडा-बहुत पैसा हासिल करते हुए उसके जरिये बुआई के लिए खाद और बीज की खरीददारी की जा सके.
बता दें कि, अमरावती जिले में असिंचित खेती करनेवाले किसानों की संख्या साढे तीन लाख के आसपास है. असिंचित खेती पूरी तरह से प्रकृति यानी बारिश पर निर्भर करती है और यदि बारिश में थोडी भी उंच-नीच हो गई, तो किसानों के हाथ में उत्पादन खर्च यानी लागत मूल्य भी नहीं आता. विगत पांच वर्षों से खेती-किसानी में कोई खास आय नहीं हो रही. जिसके चलते किसान पहले ही काफी आर्थिक दिक्कतों में फंसे दिखाई दे रहे है और इस बार अच्छी बारिश होने की उम्मीद रखते हुए बुआई के लिए तैयारी करते हुए पैसे जोड रहे है, लेकिन इस बार बीजों एवं रासायनिक खादों के दामों में करीब 40 फीसद तक वृध्दि हो गई है. जिसके चलते किसानों को बुआई के लिए पैसे जोडने में और भी ज्यादा तकलीफ का सामना करना पड रहा है. ऐसे में जहां कई किसान अपने गहनों को गिरवी रखकर पैसा जोड रहे है, वहीं गिरवी के जरिये मिलनेवाला पैसा कम पडने और सिर पर ब्याज का बोझ भी चढने को ध्यान में रखते हुए कई किसानों द्वारा अपने घर की महिलाओं हेतु बनाये गये गहनों को मोड के भाव में बेचा जा रहा है, ताकि काली मिट्टी का हरियाली से श्रृंगार किया जा सके और अगर फसल अच्छी रहती है, तो दुबारा घर परिवार की जरूरत पूरी करने के बाद बचे हुए पैसों से गहने खरीदे जा सके.
* क्या हैं मोड के भाव
– सोना – 50,500 रूपये तोला
इस समय बाजार में सोने के दाम 50,800 से 51 हजार रूपये प्रति तोले के आसपास है. वहीं ज्वेलर्स द्वारा इससे 300 से 400 रूपये कम दाम देते हुए ग्राहकों द्वारा लाये जानेवाले सोने को खरीदा जाता है. जिसके तहत मोड में बेचे जानेवाले सोने को 50,300 से 50,500 रूपये प्रति तोले का दाम मिलता है.
– चांदी 61 हजार रूपये किलो
इस समय चांदी का बाजारमूल्य 61 हजार रूपये प्रति किलो के आसपास है. इससे करीब तीन प्रतिशत कम दाम पर सराफा विक्रेताओं द्वारा चांदी खरीदी जाती है. लेकिन कई बार मजबूरी में रहनेवाले किसानों को इससे भी कम दाम मिलते है और किसानों द्वारा भी अपनी मजबूरी व जरूरत के चलते हाथ आते दामों पर अपने सोने व चांदी के गहनों को बेच दिया जाता है.
सोने-चांदी के वर्षनिहाय दाम (सोना प्रति तोला, चांदी प्रति किलो)
– चांदी
2019 – 47,000
2020 – 67,000
2021 – 64,000
2022 – 61,000

– सोना
2019 – 36900
2020 – 52,200
2021 – 47,500
2022 – 51,000

 

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