शालाओं में अब भी उपस्थिति अत्यल्प
सुरक्षा की गारंटी देने के बावजूद पालकों का नहीं मिल रहा प्रतिसाद
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विद्यार्थी भी ऑनलाईन शिक्षा को ही कर रहे पसंद
अमरावती प्रतिनिधि/दि.18 – कोरोना संक्रमण की वजह से जारी वर्ष में लगभग सभी क्षेत्रों पर परिणाम हुआ है. इस समय यद्यपि लॉकडाउन के बाद अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने पश्चात सडकों व बाजारों में जबर्दस्त भीडभाड दिखाई दे रही है, लेकिन शहर व ग्रामीण क्षेत्र की शालाओं में विद्यार्थियोें की उपस्थिति अब भी काफी कम है. विगत सप्ताह तक शालाओें में हाजिरी संख्या यद्यपि कुछ बढी है. लेकिन इसे समाधानकारक नहीं कहा जा सकता. प्रशासन द्वारा सुरक्षा के तमाम उपाय उपलब्ध करवाने के बावजूद भी अभिभावकों द्वारा अपने बच्चों को स्कुल व कालेज भेजने के संदर्भ में कोई खास रूचि नहीं दिखाई जा रही.
बता दें कि, विगत मार्च-अप्रैल माह से कोरोना संक्रमण का प्रादुर्भाव होने के चलते इस बार जून माह से शालाएं नहीं खुली. पश्चात दीपावली के बाद केवल 9 वीं से 12 वीं की कक्षाओं हेतु ही शालाओं व कनिष्ठ महाविद्यालयों को खोला गया. लेकिन ऐसा करते समय प्रत्येक शाला में सैनिटाईजेशन, थर्मल चेकिंग, विद्यार्थियों व शिक्षकों द्वारा मास्क का अनिवार्य प्रयोग और सोशल डिस्टंसिंग जैसे नियमोें का बेहद कडाई के साथ पालन किया जा रहा है. लेकिन इसके बाजवूद भी शालाओं में अब तक विद्यार्थियों की अपेक्षित उपस्थिति नहीं हो पायी है. हालांकि शहरी क्षेत्र की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों की शालाओं में उपस्थित रहनेवाले विद्यार्थियों की संख्या अधिक है. लेकिन इसे भी समाधानकारक नहीं कहा जा सकता.
बता दें कि, अमरावती जिले में 9 वी से 12 वी तक की कक्षाओं में करीब 1 लाख 55 हजार विद्यार्थी प्रवेशित है. जिसमें से इस समय केवल 12 से 13 हजार विद्यार्थी ही अपनी कक्षाओं में हाजरी लगा रहे है. यानी शालाएं खुले हुए करीब एक माह का समय बीत चुका है, और इसके बावजूद अब तक 10 फीसदी विद्यार्थी भी शालाओें में उपस्थित नहीं हो रहे है. जिसका सीधा मतलब है कि, लोगोें में अब भी कोरोना संक्रमण को लेकर जबर्दस्त भय व्याप्त है.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण काल के दौरान अपने बच्चों को स्कुल नहीं भेजनेवाले कई अभिभावक उन्हेें अपने साथ लेकर शादी-विवाह समारोह सहित बाजार, होटल, रेस्टॉरेंट, मॉल व दूकानों जैसे भीडभाडवाले स्थानों पर बिना दिक्कत लेकर जा रहे है, लेकिन स्वास्थ्य व सुरक्षा के लिहाज से तमाम तरह के उपाय रहनेवाले शालाओं में बच्चों को भेजने से डरा जा रहा है. इस संदर्भ में शिक्षा विभाग एवं प्रशासन द्वारा कहा गया है कि, जिले की सभी शालाओं में सैनिटाईजेशन व सोशल डिस्टंसिंग जैसे नियमों का बेहद कडाईपूर्ण ढंग से पालन किया जा रहा है. साथ ही समय-समय पर सभी बच्चों की स्वास्थ्य जांच भी की जा रही है. अत अभिभावकों ने बिना डरे अपने बच्चों को अब कक्षाओं में भेजना चाहिए.