अमरावती/दि.19– महाराष्ट्र राज्य महात्मा ज्योतिबा फुले संशोधन व प्रशिक्षण संस्था (महाज्योती) व अ.भा. महात्मा फुले समता परिषद के सहयोग से बुधवार 20 अप्रैल को महात्मा फुले लिखित तृतीय रत्न इस नाटक प्रयोग का निःशुल्क आयोजन संत ज्ञानेश्वर सांस्कृतिक भवन में शाम 4 बजे किया गया है. इस नाटक में उपस्थित रहने का आवाहन समता परिषद प्रदेश सचिव डॉ. गणेश खारकर ने पत्रकार परिषद में किया है.
सामाजिक क्रांति के आद्य प्रणेता महात्मा जोतीराव फुले ने कई शतकों से चली आ रही अंधश्रद्धा, कर्मकांड व धर्मांध शक्ति के विरुद्ध बिगुल फूंका. बहुजन समाज को शिक्षित कर प्रबोधन के आधार पर समताधिष्ठित समाज निर्मिति के लिए सन 1855 में तृतीय रत्न यह नाटक लिखा. गत अनेक वर्षों से बहुजन समाज को शोषण मुक्त करने के लिए सरल भाषा में उन्होंने तृतीय रत्न से पहली बार वास्तविकता प्रस्तुत की. गत डेढ़ सौ वर्षों बाद यह नाटक पहली बार रंगमंच पर प्रस्तुत किया जा रहा है. बाल गंधर्व नाट्य मंदिर पुणे, साारा, प्रिंप्री चिंचवड के बाद अमरावती में होने वाले यह नाटक निश्चित ही फुले-शाहू- आंबेडकर के अनुयायियों सहित सभी को प्रेरणा देने वाला है. महात्मा फुले के सत्यशोधकीय विचार आज भी आवश्यक होने के कारण निःशुल्क तृतीय रत्न नाटक प्रयोग में उपस्थित रहने व महात्मा फुले ने अन्याय, अत्याचार के खिलाफ की गई लड़ाई यह प्रत्यक्ष रंगमंच पर देखने का आवाहन डॉ. गणेश खारकर, दिग्दर्शक अनिरुद्ध बनकर, महाज्योती के संचालक प्रा. दिवाकर गमे, एड. बाबुराव बेलसरे, समता परिषद के शहर प्रमुख अशोक दहिकर, जिला अध्यक्ष नंदकिशोर लेकुरवाडे, ग्रामीण अध्यक्ष विपुल नाथे,प्रा.श्रीकृष्ण बनसोड आदि ने किया है.