अमरावतीमहाराष्ट्र

शंकरबाबा पापडकर को राष्ट्रपति सौंपेंगी पद्मश्री पुरस्कार

9 मई को राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में होंगा सम्मान

अमरावती/दि.27-वरिष्ठ समाजसेवी व अनाथों के मसीहा शंकरबाबा पापडकर के अतुलनीय कार्यों की वजह से उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है. 9 मई को राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में आयोजित एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों उन्हें यह सम्मान प्रदान किया जाएगा. इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए भारत सरकार की तरफ से उन्हें 25 अप्रैल को ही औपचारिक निमंत्रण भेजा गया है.
वज्जर स्थित अपने बालगृह में दिव्यांग, मतिमंद और अनाथ बच्चों को आश्रय देते हैं. शंकर बाबा लंबे समय से 18 साल से अधिक उम्र के दिव्यांग, मानसिक रूप से विक्षिप्त और अनाथ बच्चों के पुनर्वास के लिए कानून बनाने की मांग कर रहे हैं. पद्मश्री पुरस्कार घोषित होने के बाद उन्होंने कहा था कि वह पीएम मोदी से मिलने की कोशिश करेंगे और उनसे इस कानून को बनाने का अनुरोध करेंगे.
उल्लेखनिय है कि शंकर बाबा पापलकर की गिनती विदर्भ के बड़े समाजसेवियों में होती है. अमरावती में उन्हें असर्थों के पिता के रूप में जाना जाता है. शंकरबाबा पापडकर 123 अनाथ बच्चों की पिता की तरह देखरेख कर रहे हैं. जिले के वज्जर में स्थित उनके आश्रम में 123 दिव्यांग और बेसहारा बच्चे रहते हैं. इसी समाजसेवा को सराहते हुए उन्हें पद्मश्री पुरस्कार देने की घोषणा की गई थी. शंकर बाबा पिछले 25 वर्षों से निःस्वार्थ भाव से बेसहारा और दिव्यांग बच्चों की सेवा कर रहे हैं. वह अब तक 30 लडके-लडकियों का विवाह करवाया, जो अनाथ थे.
ज्ञात रहे कि, 26 जनवरी की पूर्व संध्या पर भारत सरकार की तरफ से पद्म पुरस्कार घोषित किए गए थे. सरकार द्वारा इस वर्ष 5 पद्म विभूषण, 17 पद्म भूषण और 110 लोगों को पद्मश्री पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई थी. इस वर्ष महाराष्ट्र को 12 पद्म पुरस्कार मिले हैं. इनमें से 6 को पद्म भूषण और 6 लोगों को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया

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