अमरावतीविदर्भ

राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए!

सांसद नवनीत राणा (Navneet Rana) की लोकसभा में मांग

  • सदन में राज्य सरकार की नाकामियों से कराया अवगत

अमरावती/दि.२१ – राज्य सरकार की उदासीनता के चलते राज्य की जनता कोरोना महामारी से त्रस्त हो चुकी है. तथा सरकार सभी मोर्चो पर विफल हो चुकी है. प्रदेश सरकार को बरखास्त कर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए ऐसी मांग लोकसभा सभागृह में जिले की सांसद नवनीत राणा ने की. सांसद राणा ने कहा कि कोरोना महामारी में अपनी जान की परवाह किए बगैर स्वास्थ्य सेवा देने वाले डॉक्टर्स, परिचारिका, स्वास्थ्य सेवक, सफाई कर्मचारी, पुलिस प्रशासन, पत्रकार इन कोरोना योद्धाओं ने जनता की सेवा व सुरक्षा में अपनी जान गवा दी है. ऐसे योद्धाओं को मेरी श्रद्धांजलि है.
कोरोना ग्रस्तों की व्यथा लोकसभा में रखते हुए सांसद राणा ने कहा कि, राज्य की जनता को अपने हाल पर छोडकर मुख्यमंत्री मातोश्री में बैठे है और वहां बैठकर मुफ्त की सलाह दे रहे है. इस कृतिहीन भारत राज्य सरकार का राज्य की जनता के स्वास्थ्य से कोई लेना देना नहीं है. केंद्र सरकार इसमें हस्तक्षेप करे जिससे राज्य की जनता का स्वास्थ्य बचाया जा सके. प्रधानमंत्री राहत कोष अंतर्गत महाराष्ट्र व विदर्भ की जनता को मदद करें ऐसी भी मांग सांसद राणा ने की.
जिले की सांसद नवनीत राणा ने लोकसभा में नियम १९३ अंतर्गत देश भर के कोरोना स्थिति पर चर्चा भी की. चर्चा में सांसद नवनीत राणा ने अत्यंत भावुक होते हुए मार्मिक विवेचन करते हुए अपने स्वयं के अनुभव भी बताए, तथा जिसमें उन्होंने कहा कि उनके पति विधायक रवि राणा व उनके परिवार के १८ सदस्य भी बाधित हो गए थे. उन्हें इस महामारी का अनुभव है. मुझे यह बताते हुए मेरी आंखे भर आयी है. राज्य में कोरोना महामारी से लढते हुए राज्य के डॉक्टर्स, नर्स, स्वास्थ्य सेवक, सफाई कर्मचारी, पुलिस कर्मचारी, पत्रकार इन्होंने अपनी जाने गवाई है. इन कोरोना योद्धाओं के परिवारों को सरकार आधार दे ऐसी भी मांग सांसद राणा द्वारा की गई.
लोकसभा सभागृह में सांसद राणा ने राज्य के अस्पतालों की व्यवस्था के बारे में कहा कि, अस्पतालों में बेड, वेंटिलेटर, ऑॅक्सीजन , मास्क, इंजेक्शन आदि की किल्लत है. मरीजों को अस्पताल में बेड नहीं, राज्य में अस्पतालों की संख्या कम, उपचार के अभाव में अनेकों मरीजों ने अपने प्राण भी गवाए. निजी अस्पतालों की अधिग्रहण मर्यादा १० फीसदी से ५० फीसदी की जाए व निजी अस्पतालों में कोरोना के नाम पर लूटमार की जा रही है. जिसमें मरीजों से २ लाख रुपए से १२ लाख रुपए तक वसूले जा रहे है. जिसमें केंद्र सरकार कानून बनाकर निजी अस्पतालों पर कार्रवाई करें.
उसी प्रकार विदर्भ में ऑक्सीजन की व रेमेडिसीवर इंजेक्शन की किल्लत है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयनॉक्स नाम की कंपनी को पश्चिम विदर्भ के पांच जिलों में हर रोज एक ऑक्सीजन टैकंर आपूर्ति किए जाने के निर्देश दिए जाए. ऐसी भी मांग सांसद राणा द्वारा की गई. सांसद राणा ने आगे कहा कि हाल की परस्थिति में उपचार के लिए उपयुक्त रेमेडिसीवर व तोसिलझोमाप इंजेक्शन की कालाबाजारी की जा रही है. इंजेक्शनोें की कालाबाजारी करने वालों पर सख्त कार्रवाई करें. ऐसी मांग सांसद राणा ने की. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ८० वर्ष के वरिष्ठ नेता शरद पवार का आदर्श लेकर मुख्यमंत्री राज्य में घूमे और जनता के समस्याओं को समझे ऐसे भी कटाक्ष इस समय सांसद राणा ने किए.

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