अमरावती/दि.3– ई-वेस्ट यानी इलेक्ट्रॉनिक कचरे की रोकथाम आवश्यक ैहै. इलेक्ट्रॉनिक व बिजली के उपकरणों का बढता उपयोग भविष्य में नुकसानदायक सिद्ध हो सकता है. क्योंकि, इससे होनेवाली ई-प्रदूषण की समस्या निरंतर बढती जा रही है. ई-प्रदूषण की रोकथाम आवश्यक है, ऐसा सुप्रसिद्ध बालरोगतज्ञ डॉ. सतीश अग्रवाल ने कहा. वे हाल ही में किशोरवयीन समस्याओं की राष्ट्रीय परिषद नाशिक में संपन्न हुई. जहां वे बोल रहे थे.
डॉ. अग्रवाल ने आगे कहा कि, मोबाइल फोन, अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स या बिजली के उपकरण जो उपयोग में न हो उनका उचित नियोजन आवश्यक है. क्योंकि, इन्ही से ई-कचरा होता है. यह ई-कचरा मानवीय स्वास्थ और पर्यावरण के लिए हानिकारक है. वहीं डॉ. जयंत पांढरीकर ने किशोरो में होनेवाली बीमारियों के विषय में जानकारी दी. इस अवसर पर आयएपी अमरावती शाखा अध्यक्ष डॉ. नितिन बरडिया, सचिव डॉ. ऋषिकेश घाटोल, कोषाध्यक्ष डॉ. नीलेश पाचकवडे सहित सभी बालरोग चिकित्सकों ने उनका अभिनंदन किया.