अमरावती/दि. 26– लाल सागर में निर्माण हुई तनाव की स्थिति का असर आम लोगों पर होना शुरु हो गया है. व्यापारियों व्दारा दी गई जानकारी के मुताबिक थोक बाजार में खाद्य तेल के भाव में बढोतरी हुई है. इस कारण आगामी समय में आम नागरिकों का बजट बिगडने की संभावना दर्शायी जा रही है.
अक्तूबर माह में इसराइल-हमास युद्ध के बाद लाल समुद्र में माल यातायात करने वाले जहाजों पर भी हमले शुरु हो गए. हमास को समर्थन देने के लिए हुती आतंकवादियों ने इजिप्त के सुएज के जरिए यमन से जानेवाले जहाजों को निशाना बनाया है. अब इसका मुंहतोड जवाब देने के लिए अमेरिका ने ब्रिटेन के साथ पिछले दो दिनों में यमन के हुती आंतकियों के अनेक ठिकाने ध्वस्त किए हैं. पश्चात हुती ने फिर से हमला करने की धमकी दी है. इस घटना के कारण लाल सागर में तनाव की स्थिति निर्माण हुई है. हमले के बढते भय को ध्यान में रख कंपनियां निर्यात शिपमेंट रोक रही है. अमेरिका ने भी जहाजों को लाल सागर से दूर रहने की चेतावनी दी है. इस हमले का असर अब दिखाई देने लगा है. वैश्विक समस्या को देखते हुए भारत के निर्यात और आयात व्यवसाय पर इसका विपरित परिणाम होने लगा है. इसी के तहत खाद्यतेल के भाव में पिछले एक सप्ताह में 5 प्रतिशत बढोतरी दिखाई दी है.
देश में अर्जेंटिना और ब्राझिल से भारी मात्रा में सोयाबीन तेल का आयात होता है. लाल सागर के तनाव के कारण 15 किलो तेल के डिब्बे के पीछे 70 रुपए बढोतरी हुई है. इस कारण दिसंबर माह में प्रति डिब्बा 1560 रुपए से बढकर 1600 रुपए तक पहुंच गया है. इसी तरह सूर्यफूल तेल के भाव में भी बढोतरी हुई है. इस तेल का आयात यूक्रेन और रशिया से होता है. सूर्यफूल के भाव प्रति 15 लीटर डिब्बे के पीछे 50 रुपए बढे हैं. दिसंबर माह में सूर्यफूल के भाव 1490 रुपए थे. वह अब 1540 रुपए हो गए हैं. थोक बाजार की यह मूल्यवृद्धि खुदरा बाजार में भी दिखाई देने वाली है. परिणाम स्वरुप ग्राहकों को महंगाई की मार झेलनी पडेगी.
* महंगाई बढने की संभावना
भारत तथा अन्य देशों के लिए लाल सागर काफी महत्वपूर्ण है. इस मार्ग से कच्चे तेल से लेकर कपडे, इलेक्ट्रानिक उत्पादन, खाद्य पदार्थ और अन्य सभी वस्तुओं का आयात और निर्यात होता है. फिलहाल शुरु रहे तनाव के कारण नए मार्ग से निर्यात करना पडेगा, अथवा शिपमेंट रोकना पडेगा, वैसा हुआ तो महंगाई बढने की संभावना दर्शायी जा रही है.