महावितरण की मूल्य वृद्धि, सौर उर्जा नीति का विरोध
एमआईडीसी इंड्रस्टियल एसो. के अध्यक्ष पातुरकर ने रखी भूमिका

अमरावती /दि.12– महावितरण ने महाराष्ट्र राज्य विद्युत नियामक आयोग के पास मूल्य वृद्धि का प्रस्ताव प्रस्तुत किया है. इसमें सौर उर्जा की आगामी नई नीति प्रस्तुत की है. एमआईडीसी एसोसिएशन के अध्यक्ष तथा भाजपा के पूर्व शहराध्यक्ष किरण पातुरकर ने आयोग की सुनवाई के दौरान इस नीति व मूल्य वृद्धि का कडा विरोध किया है.
राष्ट्रीय नियमानुसार भारत सरकार हरित उर्जा को प्रोत्साहित कर रही है. इसके लिए नये नियम तैयार हो रहे है. सौर उर्जा इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों को अनुदान दिया जा रहा है. राज्य सरकार भी हरित उर्जा को प्रोत्साहित कर रही है. 2075 तक प्रदूषण मुक्त भारत करने का भारत सरकार का संकल्प है. इसके लिए औषणिक प्रकल्प से बिजली निर्मिति कम करने के लिए भारत सरकार प्रयासरत है. किरण पातुरकर ने यह बात नियामक आयोग के प्रकाश में लाकर लिये. भारत सरकार के सौर उर्जा को प्रोत्साहन देने के विरोध में महावितरण काम कर रहा है. सौर उर्जा इस्तेमाल करने वाले ग्राहक को प्रोत्साहित करने की बजाए हतोत्साहित किया जा रहा है. यह पूरी तरह राष्ट्रीय नीति, निसर्ग और मानवता का विरोध है. आयोग की स्थापना भारत सरकार के विद्युत नियमानुसार हुई है. भारत सरकार के राष्ट्रीय नीति का अनुकूल निर्णय आयोग ने लेना चाहिए. महावितरण खुद के कोयले पर आधारित महंगी बिजली बेचने के लिए सौर उर्जा का विरोध कर रही है. इस नीति का हम निषेध करते है और आयोग द्वारा महावितरण की नीति का विरोध किया जाये व सौर उर्जा बाबत पुराने नियम कायम रखे जाये, ऐसा किरण पातुरकर ने आयोग से कहा है.