अमरावती

टमाटर व हरी मिर्च की आवक घटने से दाम बढे

निंबु की कीमत में कमी आयी

अमरावती/दि.8 – जून महिने में खरीफ की तैयारी में किसान वर्ग व्यस्त हो गया. जिससे हरी सब्जियों की पैदावार कम हो गई. पैदावार कम होने से बाजार में हरी सब्जियों की आवक घट कर सब्जियों के दाम बढ गये है. अमरावती कृषि उपज मंडी में वर्तमान में अन्य जिलों से हरी सब्जियों की आवक हो रही है. जिससे टमाटर और हरी मिर्ची के दाम बढ गये है. इन दिनों हरी मिर्च 60 से 70 रुपए किलो के दाम पर बिक रही है. वहीं टमाटर के दाम भी 60 से 80 रुपए किलो हो गये है. ग्रीष्मकाल खत्म होकर वर्षाकाल शुरु हो जाने से निंबु के दाम घट गये है. उसी प्रकार नया प्याज बाजार में पहुंचने के कारण प्याज की कीमतें भी लूढक गई है.
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* प्याज 10 रुपए किलो
कुछ महिने पहले तक प्याज के भाव 60 से 80 रुपए किलो हो गये थे. लेकिन अब नया प्याज बडी मात्रा में बाजार में पहुंच रहा है. जिससे प्याज की कीमतें तेजी से घट गई है. वर्तमान में बाजार में प्याज 10 रुपए किलो दर पर उपलब्ध है. आगामी कुछ दिनों तक प्याज की कीमतें कम ही रहेंगी.
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* आलु की डिमांड कायम, 40 रुपए दाम
बाजार में आलु 40 रुपए किलो के दाम पर बिक रहा है. होटल व्यवसायियों द्बारा आलु की खरीदी सर्वाधिक होती है. जिससे आलु की डिमांड कायम है. ग्रीष्मकाल में गृहिणियों ने आलु के चिप्स आदि बनाने के लिए बडी मात्रा में आलु खरीदा, जिससे आलु की मांग बढ गई थी. ग्रीष्मकाल में आलु 30 से 35 रुपए किलो के दाम पर उपलब्ध था. अब 40 रुपए किलो के दाम पर बिक रहा है.
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* निंबु 160 रुपए से 60 रुपए पर लूढका
ग्रीष्मकाल में निंबु की डिमांड बढ गई थी. आवक कम और डिमांड ज्यादा के कारण निंबु 160 से 180 रुपए किलो के दाम पर बिका. खुदरा बाजार में निंबु 10 रुपए का एक बेचा जा रहा था. लेकिन ग्रीष्मकाल खत्म होते ही निंबु के दाम भी घट गये है. अब बाजार में निंबु 60 रुपए किलो के दाम पर बिक रहा है.

* हरी सब्जियां हुई महंगी
खरीफ का मौसम शुरु होते ही हरी सब्जियों की आवक कम हो गई है. वर्तमान में हरी सब्जियां महंगी हो गई है. पालक 60 रुपए किलो, चवली 40 रुपए किलो, फुलगोबी 60 रुपए किलो, हरा धनिया व मेथी 90 रुपए किलो के दाम पर बिक रही है. वर्तमान में अन्य जिलों से सब्जियों की आवक हो रही है. इंधन के दाम बढने से सब्जियों की यातायात का खर्च बढने का असर सब्जियों के दाम पर दिख रहा है.
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* हरी मिर्च के दाम अस्थिर
हरी सब्जियों के उत्पादक किसान जिले में कम है. शहर में अन्य जिलों से हरी मिर्च व अन्य सब्जियों की आवक हो रही है. जिससे हरी मिर्च के दाम अस्थिर है. बाजार में सब्जियों के दाम आवक के हिसाब से कम या ज्यादा होते रहते है, ऐसा सब्जी विक्रेताओं ने बताया.

* यातायात का खर्च बढने से बढे दाम
जून महिने में किसान वर्ग खरीफ फसल की तैयारियों में जुट जाता है. जिससे जिले में अन्य जिलों से सब्जियों की आवक होती है. विगत 2 महिनों से शहर में टमाटर नगर जिले से आ रहा है. दूर से सब्जी पहुंचने से यातायात का खर्च अधिक होता है, यहीं कारण है कि, हरे सब्जियों के दाम बढ गये है. इंधन के दाम बढने का सीधा असर सब्जियों के दाम पर पड रहा है, ऐसा इतवारा बाजार के सब्जी विक्रेताओं का कहना है.

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