अमरावती/दि.1 – सावन के महीने में अनेकों को उपवास रहने से फ्रुट की मांग बढ़ी है. कोरोना काल में इम्युनिटी पॉवर बढ़ाने के लिए भी ड्रॅगन फ्रुट का इस्तेमाल बढ़ा है. ऐसे में अब डेंगू की बीमारी अधिक मात्रा में फैलने से डेंगू पर रामबाण उपाय के रुप में आहार तज्ञों की सलाहनुसार ड्रॅगन फ्रुट को अधिक पसंद किया जा रहा है. फल बाजार में ड्रेगन फ्रुट यह महंगा होने पर भी अन्य फलों की तुलना में ग्राहकों व्दारा उसे पसंद किया जा रहा है.
अगस्त महीने में सेब की आवक बढ़ने के कारण शुरुआत में 160 रुपए प्रति किलो दर से बेचे जाने वाले सेब अब 80 से 100 रुपए किलो बेचे जा रहे हैं. सितंबर में सफरचंद की आवक बड़े पैमाने पर बढ़ने के संकेत व्यवसायियों ने दिए हैं. आगे सेब और भी सस्ते होेंगे. लेकिन सेब की तुलना में ड्रॅगन फ्रुट महंगे ही है.
डेंग्यु के लिए ड्रॅगन रामबाण उपाय
डेंग्यु होने पर प्रतिकार शक्ति कम हो जाती है. साधारणतः बीमार व्यक्ति भी सेब, चिकू, संतरे को पसंद करते हैं. लेकिन डेंग्यु पर रामबाण उपाय के रुप में ड्रेगन फ्रुट होने बाबत आहार तज्ञों व्दारा सलाह दिये जाने से इस फ्रुट पर लोगों का काफी रुझान बढ़ा है. जिसके चलते ड्रॅगन फ्रुट महंगे बेचे जा रहे हैं. शरीर की रक्त पेशी बढ़ाने के लिए यह फ्रुट उपयोगी साबित हो रहा है.
फलों की कीमत प्रति किलो
ड्रॅगन फ्रुट 120 (प्रति नग)
अनार 120 किलो
सेब 120 किलो
संतरा 50 किलो
मोसंबी 40
चिकू 80
पपीता 40
जाम 80