अमरावती

इस साल गणेश मूर्तियों के दाम 20 प्रतिशत बढने की संभावना

मूर्तिकार मूर्तियों को फाइनल टच देने में जुटे

अमरावती/दि.23 – गणेश उत्सव के अब कुछ ही दिन बाकी रह गए है. गणेश मूर्तिकारों ने मूर्तियों को फाइनल टच देना शुरु कर दिया है. इस साल गणेश मूर्तियों के दाम 20 प्रतिशत बढने की संभावनाए व्यक्त की जा रही है. सितंबर माह की 10 तारीख को गणपति बप्पा का आगमन होने जा रहा है. जिसमें मूर्तिकारों ने अपने कामों में गति लायी है और मूर्तियों को फाइनल टच देने का भी काम शुरु कर दिया गया है.
पिछले साल की तरह इस साल भी गणेश उत्सव पर कोरोना का साया बरकरार है. इस साल भी गणेश मूर्तियों की बिक्री कम तो नहीं होगी ऐसा भय मूर्तिकारों में व्याप्त है. जिसको लेकर सभी मूर्तिकार सावधानी बरतकर मूर्तियों का निर्माण कर रहे है परिणामस्वरुप पिछले साल की तुलना में इस साल गणेश मूर्तियांं कम प्रमाण में बनाई गई है.
पेट्रोल व डीजल के दाम जिस तरह से बढाए गए उसका भी असर मूर्तिकारों पर होगा. इस बार मूर्तियों के दाम बढने की संभावना है. जो गणेश मूर्ति मिट्टी की पिछले साल 7 हजार रुपए की थी इस साल उस मूर्ति के दाम 13 से 14 हजार रुपए होंगे. रंगों के भी दाम बढ चुके है बढती मंहगाई का असर गणेश उत्सव पर होगा जिसमेें इस साल गणेश मूर्तियों के दाम 20 प्रतिशत से बढने की संभावना व्यक्त की जा रही है.

अनेकों मूर्तिकारों का रोजगार छिना

कोरोना महामारी के चलते शासन व्दारा मूर्तियों के निर्माण के लिए कुछ मर्यादा तय की गई. जिसमें गणेश मूर्ति की ऊंचाई 4 फुट से अधिक न हो शासन व्दारा लगाई गई इस शर्त की वजह से शहर के जो मूर्तिकार बडी-बडी मूर्तियां बनाते थे उनका रोजगार छिन गया. कोरोना की वजह से सैकडों मूर्तिकार बेरोजगार हो चुके है.

मिट्टी की मूर्तियों की मांग बढी

शासन व्दारा दिए गए निर्देशों के अनुसार प्लास्टर ऑफ पेरिस की गणेश मूर्तियों के निर्माण पर पाबंदी लगा दी गई थी. प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियां पानी में जल्दी नहीं गलती और उसका परिणाम पर्यावरण पर भी होता है. जिसको लेकर अनेको नागरिकों व्दारा मिट्टी की मूर्तियों की मांग मूर्तिकारों से की जा रही है. जिसकी वजह से मूर्तिकार भी मिट्टी की मूर्तियाेंं को बनाने को प्राथमिकता दे रहे है.

खानदानी मूर्तिकार संकट में

शहर में लगभग 150 ऐसे मूर्तिकार है जिनका खानदानी पेशा मूर्ति बनाने का है. आज यह परंपरागत मूर्तिकारों की परिस्थिति दयनीय हो चुकी है. बढती हुई महंगाई और मूर्तियों को लगने वाले कच्चे माल के भी दाम बढा दिए जाने पर पेशेवर मूर्तिकार संकट में है उन्हें शासन व्दारा अनुदान प्रदान कर मदद की जाए ऐसी मांग मूर्तिकार व्दारा की जा रही है.

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