अमरावती

प्रधानमंत्री : एक भीड का हिस्सा बनता, दूसरा भीड से भागता

पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने पीएम मोदी को लेकर कसा तंज

अमरावती/दि.10– विगत दिनों पंजाब के फिरोजपुर की ओर जाते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले को बीच रास्ते में अडा लिया गया. जिसके चलते पीएम मोदी को अपना दौरा बीच में ही छोडकर वापिस लौटना पडा. इस घटना को लेकर राज्य की महिला व बालविकास मंत्री तथा जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने कहा कि, आज 56 इंचवाले सीने की बातें करनेवाले लोगों की असलियत सामने आ गई है. इससे पहले भी कई प्रधानमंत्रियों को जनसभाओं व जुलूस में विरोध प्रदर्शन करने के साथ ही छिटपूट सहित जानलेवा हमलों का भी सामना करना पडा. लेकिन उनमें से कोई भी मैदान छोडकर नहीं भागा. परंतु बडी-बडी बातें करनेवाले पीएम मोदी अपनी जान के लिए खतरा देखकर तुरंत ही मौके से भाग निकले.
इस संदर्भ में फेसबुक पोस्ट करते हुए पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने कहा कि, विगत कुछ दिनों से अस्वस्थ रहने के चलते वे अस्पताल में भरती थी और अकेली रहने के दौरान उन्होंने सुरेश भटेवरा द्वारा लिखीत ‘शोध गांधी नेहरू पर्वाचा’ नामक ग्रंथ पढा. ठीक इसी समय किसानों द्वारा रास्ता रोके जाने की वजह से अपनी जान के लिए खतरा रहने की बात कहते हुए पीएम मोदी द्वारा नौटंकी की गई. पालकमंत्री ठाकुर के मुताबिक भारत जैसे समृध्द व विशाल लोकतंत्र की परंपरा रखनेवाले देश में जनता के बीच जानेवाले जन नेताओं व लोगों के बीच रहकर काम करनेवाले प्रधानमंत्रियों को हमेशा देखा गया. देश को आजादी मिलने के बाद संसद परिसर में एक वृध्द महिला ने देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित नेहरू की कॉलर पकडकर सवाल पूछा था कि, उन्होंने देश को आजादी क्यों दिलाई और इस आजादी से आम लोगों को क्या मिला. जिस पर पंडित नेहरू ने हसते हुए जवाब दिया था कि, अब इस देश का आम व्यक्ति भी देश के प्रधानमंत्री की कॉलर पकडकर सवाल पूछ सकता है. यह आजादी देश के आम व्यक्ति को मिली है. इसी तरह केरल में आयोजीत आमसभा के दौरान भीड में शामिल किसी व्यक्ति द्वारा उछाला गया पत्थर नाक पर लगने के बाद भी प्रियदर्शनी इंदिरा गांधी ने उस जनसभा में हिस्सा लिया था. इसी तरह श्रीलंका में मानवंदना के दौरान श्रीलंकन सैनिक द्वारा रायफल के दस्ते से किये गये हमले को तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने सहज तरीके से झेल लिया था और वे हमेशा ही लोगोें के साथ मिलते-जुलते रहे. इसी तरह वर्ष 2009 में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर अहमदाबाद की जनसभा के दौरान एक युवक ने जूता फेंककर मारा था. किंतु उन्होंने भी गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर किसी तरह का दोषारोप नहीं करते हुए उस युवक को छोड देने की बात कही थी. किंतु आज हम इस महान परंपरा पर कालीख पोतनेवाले, लोगों से दूर भागनेवाले और आम मतदाता रहनेवाली आम जनता से खुद के लिए खतरा बतानेवाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देख रहे है. किंतु देश की जनता बेहद समझदार है और उसे सत्य व आभास की समझ है. ऐसे में जनता बहुत जल्द ही अपना सही व सटीक फैसला भी सुनायेगी.

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