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कोविड पैरोल पर छूटे कैदी हाजीर हो…

गृह विभाग ने जारी किया आदेश, ‘मंडल’ की खबर का असर

* 15 दिन में कैदियों को वापिस लौटना होगा जेल में
अमरावती/दि.6– कोविड संक्रमण काल के दौरान जेलों में भीडभाड कम रहे तथा कोविड के संक्रमण से सभी कैदी बचे रहे, इस बात के मद्देनजर राज्य के गृह विभाग द्वारा दो वर्ष पूर्व कैदियों को कोविड आकस्मिक अभिवचन अवकाश देना मंजूर किया गया था. जिसके तहत राज्य की अलग-अलग जेलों में बंद रहनेवाले करीब 5 हजार कैदी विगत 8 मई 2020 से पैरोल पर छोड दिये गये थे. जिन्हें राज्य का गृह विभाग एक तरह से भूल ही गया था, क्योंकि दो वर्ष का समय बीत जाने और इस दौरान कोविड संक्रमण का असर व खतरा पूरी तरह खत्म होकर जन-जीवन सामान्य हो जाने के बावजूद भी इन कैदियों को वापिस जेल में लाने हेतु कोई कदम नहीं उठाये गये थे. ऐसे में विगत 30 अप्रैल को दैनिक अमरावती मंडल ने इस संदर्भ में प्रमुखता के साथ समाचार प्रकाशित करते हुए सरकार एवं प्रशासन का ध्यान इस ओर खींचा था. जिसके बाद राज्य के गृह मंत्रालय ने 4 मई को आदेश जारी करते हुए कोविड पैरोल पर छोडे गये सभी कैदियों को तुरंत अपनी-अपनी जेलों में वापिस लौटने हेतु कहा है. ऐसे में अब कोविड पैरोल पर छोडे गये सभी कैदियों को आगामी 15 दिन के भीतर अपनी बची हुई सजा पूरी करने के लिए जेलों में वापिस लौटना होगा.
बता दें कि, विगत 30 अप्रैल को दैनिक अमरावती मंडल में खबर प्रकाशित होने के बाद गृह विभाग के उपसचिव अनिरूध्द जेवलीकर द्वारा 4 मई को आदेश जारी करते हुए सभी कारागार प्रशासनों को कोविड पैरोल पर छोडे गये कैदियों को वापिस जेल में लाने का निर्देश दिया गया है. ऐसे में अब कारागार प्रशासन को इन कैदियों को वापिस जेल में लाने हेतु स्थानीय पुलिस की मदद लेनी पडेगी. जानकारी के मुताबिक अमरावती के मध्यवर्ती कारागार से करीब 272 कैदियों को दो वर्ष पूर्व कोविड पैरोल पर छोडा गया था. जिन्हें अब दो वर्ष पश्चात गृह विभाग द्वारा जारी किये आदेश के चलते दुबारा जेल में वापिस लाया जायेगा. जिसके लिए जेल प्रशासन द्वारा आवश्यक तैयारियां करनी शुरू की गई है.

* जेलों में कामकाज होगा सुचारू
बता दें कि, दोषसिध्दी होने के बाद जेलों में रहकर अपनी सजा काटनेवाले कैदियों से जेलों की कार्यशालाओं, खेतों व भोजन गृह में काम करवाया जाता है. इसके साथ ही विद्युत उपकरणों के रखरखाव एवं साफ-सफाई के काम भी कैदियों से ही कराये जाते है. वहीं कैदियों द्वारा कार्यशाला में बनायी जानेवाली वस्तुओं की बिक्री से जेल प्रशासन को अच्छी-खासी आय भी होती है. परंतू कोविड संक्रमण के खतरे को ध्यान में रखते हुए सात वर्ष से अधिक की सजा प्राप्त कैदियों को दो वर्ष पूर्व कोविड आकस्मिक पैरोल पर छोडा गया था. जिसकी वजह से जेलों में मनुष्यबल की कमी हो गई थी. जिससे जेलों के भीतर चलनेवाला कामकाज भी काफी हद तक प्रभावित हुआ था. किंतु अब चूंकि सभी जेलों में कोविड पैरोल पर छूटे कैदी वापिस लाये जायेंगे. ऐसे में जेलों का कामकाज एक बार फिर सुचारू होगा.

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