अमरावती

कैदी राउत की बलि लेने वालों पर मनुष्यवध का अपराध दर्ज कर

भीम ब्रिगेड ने एट्रासिटी व सरकारी सेवा से हटाने की मांग की

अमरावती/ दि.26– अनुसूचित जाति, जमाति के जेल के कैदी अनिल राउत की जिला अस्पताल के डॉक्टर व पुलिस कर्मचारियों की लापरवाही के चलते मौत हुई है, इन संंबंधितों के खिलाफ एट्रासिटी एक्ट, मनुष्यवध का अपराध दर्ज कर सरकारी सेवा से हटाया जाए, ऐसी मांग को लेकर भीम ब्रिगेड ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा.
सौंपे ज्ञापन में उन्होंने कहा कि, 20 अप्रैल में मध्यवर्ती कारागृह का कैदी अनिल पुरुषोत्तम राउत की जेल में तबीयत खराब होने के कारण इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. डॉ.सोनपराते ने अनिल राउत को फिजिकल फिट बताकर कारागृह वापस ले जाने के आदेश दिये थे. तब राउत ते हेडकाँस्टेबल राजेश बोरकुटे व मुस्ताक अहेमद से पैर पडकर तबीयत ज्यादा खराब होने की विनंती की थी. शरीर की वेदना बर्दाश्त नहीं हो रही, डॉक्टर के पास फिर ले चलो, ऐसा कहने पर भी पुलिस ने अभद्र व्यवहार किया और फटकार लगाकर उसे नीचे बिठाकर रखा. अनिल राउत ने पुलिस को बताया था कि, उसका इलाज नहीं हुआ तो वह मर जाएगा, मगर उसकी एक नहीं सुनी और जेल रवाना किया. जिस वजह से रात के समय अनिल राउत की मौत हो गई. इसके लिए लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर व पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ एट्रासिटी एक्ट के तहत अपराध दर्ज करते हुए मनुष्यवध का अपराध दर्ज कर उन्हें सरकारी सेवा से हटाया जाए, अन्यथा तीव्र आंदोलन छेडा जाएगा, ऐसी चेतावनी देते समय भीम ब्रिगेड के संस्थापक अध्यक्ष राजेश वानखडे, विक्रम तसरे, प्रवीण मोहोड, नितीन काले, शरद वाकोडे, अंकुश आठवले, अविनाश जाधव, गौतम सवाई, उमेश कांबले, रुपेश तायडे, सुशील चोरपगार, अजय तायडे, मनोज चक्रे, प्रवीण वानखडे, कबीर सारवान, आदर्श सिंपी, रोशन गडलिंग, विजय खंडारे, चंद्रपाल खंडारे, सतिश दुर्योधन आदि उपस्थित थे.

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