अमरावती

निजी अभियांत्रिकी महाविद्यालयों में नहीं हुआ वेतन

देयक रूकने से वेतन भी रूका

* शिक्षकों व कर्मचारियों की दीपावली जायेगी अंधेरे में
* शैक्षणिक शुल्क की प्रतिपूर्ति होने की प्रतीक्षा
अमरावती-दि.19 राज्य में एससी,ओबीसी, वीजे-एनटी, एसबीसी, एसटी व ईबीसी धारक विद्यार्थियों के शैक्षणिक शुल्क के प्रतिपूर्ति की रकम विगत तीन वर्षों से राज्य सरकार द्वारा दी नहीं गई है. जिसके चलते निजी अभियांत्रिकी महाविद्यालयों की आर्थिक स्थिति डावाडौल होने लगी है और विगत आठ माह से निजी अभियांत्रिकी महाविद्यालयों के कर्मचारियों का वेतन ही अदा नहीं हुआ. जिसके परिणाम स्वरूप इस बार उनकी दीपावली अंधेरे में जाने की पूरी संभावना है.
राज्य सरकार के महाडीबिटी वेब पोर्टल द्वारा दी जानेवाली शैक्षणिक प्रतिपूर्ति में होनेवाले विलंब के चलते निजी अभियांत्रिकी व तंत्रज्ञान महाविद्यालय के कर्मचारियों के समक्ष काफी दिक्कतें पैदा हो गई है. शैक्षणिक वर्ष 2018-19 से सरकार के महाडीबिटी वेब पोर्टल द्वारा पिछडावर्गीय विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति व फ्रीशिप को मंजूर किया जाता है. मंजुर किये जानेवाले सभी प्रवर्ग के विद्यार्थियों का शुल्क दो चरणों में सरकार के समाजकल्याण विभाग द्वारा महाविद्यालय के खाते में जमा किया जाता है. परंतु वर्ष 2018-19 से मंजुर रहनेवाली शैक्षणिक शुल्क की प्रतिपूर्ति में काफी विलंब हो रहा है. जिसके चलते निजी अभियांत्रिकी महाविद्यालयों के कर्मचारियों का वेतन विगत सात-आठ माह से नहीं हुआ है. क्योंकि इसी शुल्क की रकम के जरिये सभी शिक्षकों व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों का वेतन अदा किया जाता है. इस समय अगले पांच दिन में दीपावली का पर्व मनाया जाना है और दीपावली से पहले निजी अभियांत्रिकी महाविद्यालयों के कर्मचारियों को वेतन मिल पायेगा अथवा नहीं, इसकी कोई गारंटी नहीं है. वही इस मामले को लेकर निजी अभियांत्रिकी महाविद्यालय के संस्था चालकों व प्राचार्यों का कहना है कि, अब तक प्रतिपूर्ति की केवल 30 प्रतिशत रकम मिली है और 70 फीसद रकम मिलना बाकी है. इस 30 फीसद रकम के जरिये ही महाविद्यालय के कामों से संबंधित खर्च को जैसे-तैसे चलाया जा रहा है और 70 फीसद प्रलंबीत रकम के मिलने का इंतजार किया जा रहा है, ताकि सभी शिक्षकों व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को उनका बकाया वेतन अदा किया जा सके.

* संभाग के 23 अभियांत्रिकी महाविद्यालयों में वेतन लटका
अमरावती संभाग के अमरावती, अकोला, बुलडाणा, वाशिम व यवतमाल जिलों में 23 निजी अभियांत्रिकी महाविद्यालय है. पिछडावर्गीय विद्यार्थियों के शैक्षणिक शुल्क की प्रतिपूर्ति का मामला पूरे राज्य से जुडा हुआ है. ऐसे में अभियांत्रिकी कर्मचारी संगठन द्वारा गत रोज अमरावती स्थित समाजकल्याण के प्रादेशिक उपायुक्त सुनील वारे को निवेदन सौंपते हुए प्रलंबीत शैक्षणिक शुल्क प्रतिपूर्ति की रकम मिलने संदर्भ में मांग की गई.
बॉक्स, फोटो प्रवीण पोटे
एससी, ओबीसी, वीजे-एनटी, एसबीसी, एसटी व ईबीसी धारक विद्यार्थियों के शैक्षणिक शुल्क की प्रतिपूर्ति का मामला दिनोंदिन बिकट होता जा रहा है. यह मसला यदि समय रहते हल नहीं हुआ, तो भविष्य में पिछडावर्गीय विद्यार्थियों के अभियांत्रिकी पाठ्यक्रम में प्रवेश का मामला और अधिक जटील हो जायेगा. अत: सरकार ने तुरंत ही निजी अभियांत्रिकी महाविद्यालयों को प्रतिपूर्ति की प्रलंबीत रकम अदा करनी चाहिए.
– प्रवीण पोटे पाटील
संचालक, पी. आर. पोटे पाटील ग्रुप ऑफ एज्युकेशनल इन्स्टिट्यूटस्
पूर्व राज्यमंत्री व विधायक

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