अमरावती/दि.3– शासन के आदेशानुसार कक्षा पहली से स्कूलें शुरु हो गई है. लेकिन कोविड संदर्भ के नियमों के कारण पालकों सहित विद्यार्थी यातायात करने वाले स्कूल बस, वैन चालकों के सामने प्रश्न निर्माण हुआ है. शैक्षणिक सत्र शुरु होने के बाद शाला स्तर पर शालेय परिवहन समिति एवं जिले के पुलिस आयुक्त की अध्यक्षता में शालेय परिवहन समिति की बैठकें लेकर इनमें दिक्कतें व नये अध्यादेश के संदर्भ में चर्चा होती थी. लेकिन दो वर्ष से कोविड के बढ़ते प्रादुर्भाव के बाद शाला व जिला शालेय परिवहन समिति की बैठकों को ब्रेक लगा है. शाला ही ऑनलाइन होन से उन बैठकों की आवश्यकता नहीं पड़ी. इस समय में स्कूल वैन और स्कूल बस सहित विद्यार्थी यातायात करने वाले ऑटो चालकों के सामने बड़ा प्रश्न निर्माण हुआ. उनका रोजगार बंद हो गया. अनेक स्कूल वैन और बस चालक स्कूल शुरु होते समय ही शिक्षण संस्थाओं के साथ करार कर पालकों से किराया ले लेते थे. वैन, बस एवं ऑटो में निर्धारित विद्यार्थी संख्या के अनुसार तब यातायात को अनुमति थी. लेकिन अब सुरक्षित विद्यार्थी यातायात में संदर्भ नियम कोविड के बाद ज्यादा कड़े होते गए. कम विद्यार्थी संख्या से उनका यातायात करना स्कूल वैन चालकों के लिए आर्थिक दृष्टि से कठिन हो गया. विद्यार्थी ऑटो से स्कूल तक जाने की बात निश्चित होने पर तीन यात्री क्षमता वाले ऑटो में सिर्फ एक ही विद्यार्थी को जाने की अनुमति है. छोटे लड़के, लड़कियों को स्कूल में छोड़ना और वापस सकुशल घर पर लाने के लिए पालकों को स्वयं निर्धारित समय में स्कूल में आना-जाना करना पड़ रहा है. जिसके चलते नौकरी करने वालों के लिए अनेक दिक्कतें निर्माण हुई है. मात्र कुछ निजी शाला निर्धारित विद्यार्थियों का यातायात करते दिखाई दे रही है.
अनेकों ने बेची वैन, कुछ है खड़ी
कर्ज निकालकर अनेकों ने विद्यार्थियों को लाने-ले जाने के लिए वैन खरीदी थी. लेकिन वे कर्ज न चुका सकने के कारण अनेकों ने तो वैन बेच दी तो कई वैन, बस अब तक खड़ी ही है. वहीं कुछ पर्यायी यातायात का इस्तेमाल करते दिखाई दे रहे हैं.