अमरावती /दि.5– स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं की प्राथमिक शाला के शिक्षकों को दैनंदीन अध्यापन के काम से दूर रखते हुए विविध तरह के उपक्रमों में व्यस्त रखा जाता है. जिसकी वजह से विद्यार्थियों की गुणवत्तापूर्ण पढाई-लिखाई में बाधा निर्माण होती है. अत: बच्चों को पढने दो व शिक्षकों को पढाने दो का उद्घोष करते हुए महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षक समिति ने आज शिक्षक दिवस के अवसर पर सामुहिक अवकाश आंदोलन किया. साथ ही अपनी विभिन्न प्रलंबित मांगों को लेकर जिलाधीश के जरिए राज्य सरकार के काम ज्ञापन भिजवाया.
इस ज्ञापन में महाराष्ट्र राज्य शिक्षक समिति द्बारा कहा गया कि, प्राथमिक शिक्षकों के मुख्यालय व घर भाडा भत्ता, सातवे वेतन आयोग के बकाया, शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के रिक्त पदों पर भर्ती, शालाओं की इमारतों की दुरुस्ती, विषयद पदवीधर भर्ती, तबादला नीति, वेतन वृद्धि, पेंशन लाभ में विलंब, एक स्तर व पदवीधर वेतन श्रेणी आदि सहित विभिन्न मांगे विगत लंबे समय से प्रलंबित है. जिनकी ओर राज्य सरकार, शिक्षा विभाग व स्थानीय प्रशासन द्बारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा. जिसके चलते शिक्षकों ने आज शिक्षक दिवस पर औचित साधते हुए सामुहिक अवकाश आंदोलन किया. इस समय राज्य प्राथमिक शिक्षक समिति के जिलाध्यक्ष गोकुलदास राउत, राज्य प्रसिद्धि प्रमुख राजेश सावरकर, जिला महासचिव संभाजी रेवाले, राज्य महिला प्रतिनिधि प्रवीणा कोल्हे आदि सहित अनेकों शिक्षक उपस्थित थे.