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प्रशासक राज में थमी विकास की रफ्तार?

विभिन्न प्रकल्प व योजनाओं की जानकारी देने से कतरा रहे अधिकारी

* सभी विभाग प्रमुखों का प्रशासक आयुक्त की ओर अंगुली निर्देश
अमरावती/दि.30– महानगरपालिका में 9 मार्च से प्रशासक राज लागू हो गया है. प्रशासक राज में मनपा के कामकाज में गति आएंगी, ऐसा कहा जा रहा था. लेकिन वर्तमान में इससे विपरित स्थिति दिखाई दे रही है. जिससे प्रशासक राज में विकास की रफ्तार थमने की चर्चा मनपा व शहर में है. मनपा अंतर्गत शुरु विभिन्न प्रकल्प व योजनाओं की जानकारी देने से अधिकारी वर्ग कतरा रहा है. किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए प्रशासक तथा आयुक्त डॉ. प्रविण आष्टीकर की ओर अंगुली निर्देश किया जा रहा है. जिससे मनपा में प्रशासक ही सर्वेसर्वा बन गया है, ऐसी स्थिति है.
वर्तमान में शहर में फिशरिज हब, घनकचरा व्यवस्थापन प्रकल्प, प्रधानमंत्री आवास योजना के घटक क्रमांक 3 अंतर्गत घरों का निर्माण इन प्रकल्पों के साथ ही शहर में हॉकर्स झोन की रचना, टैक्स व व्यापारी संकुलों की बकाया किराया वसूली की प्रक्रिया शुरु तो है लेकिन इनमें से किसी भी प्रकल्प या योजना को लेकर संबंधित विभाग प्रमुख किसी भी प्रकार की जानकारी सांझा करने से बच रहे है. अब तक मनपा का बजेट भी घोषित नहीं हो पाया है. जिससे मनपा में आखिर क्या चल रहा है, यह सवाल सभी पूछ रहे है.

* अधिकारियों को आयुक्त का चूप रहने का फरमान
जानकारी के अनुसार मनपा में जब से प्रशासक राज लागू हो गया तब से मनपा के सभी अधिकारियों को चूप रहने का फरमान जारी किया गया है. मीडिया को भी किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं दी जा रही है. सारी जरुरी जानकारियां आयुक्त के माध्यम से ही दिये जाने का निर्णय प्रशासक के रुप में डॉ. आष्टीकर ने लिया है. लेकिन वे दिन भर कई मिटींगों में ही व्यस्त रहने से मीडिया को जानकारियां नहीं मिल पा रही है. कहने को तो मनपा में पीआरओ विभाग कार्यरत है, लेकिन पीआरओ विभाग के पास भी आधी अधूरी ही जानकारियां रहती है. कई विषयों की कुछ भी जानकारी मनपा को पीआरओ विभाग के पास नहीं रहती. जिससे जानकारी के लिए आयुक्त की भेंट होने की प्रतिक्षा करनी पड रही है. किसी विभाग प्रमुख को जानकारी पूछने पर वे केवल नो कॉमेंट्स इतना ही जवाब दे रहे है.

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