अमरावती

उत्पादन खर्च बढा, हमीभाव को अनदेखा किया

डेढ गुना आश्वासन हवा हवाई

* किसानों ने लगाया दिशाभूल करने का आरोप
अमरावती/ दि. 14-उत्पादन खर्च पर डेढ गुना गारंटी भाव देने का आश्वासन केन्द्र शासन ने अभी तक नहीं दिया है. बीज, खाद की दरवृध्दि, इंधन की दरवृध्दि होने से ट्रैक्टर की मशागती की दरवृध्दि हो गई है. खेत मजदूरी के भाव बढ गये हैे. उत्पादन खर्च बढने से उस तुलना में गारंटी भाव नहीं बढा है. गारंटी भाव में ९२ से ४२३ रूपये तक दी गई वृध्दि यह केवल मजाक उडाना है, ऐसा किसानों का आरोप है.
इस बार सीजन के लिए खरीप फसल के एमएसपी का दो दिन पूर्व चर्चा की गई. केन्द्र के आर्थिक विषय की मंत्रिमंडल समिति ने (सीसीईए)खरीप की १४ फसल के लिए एमएसपी में वृध्दि करने की मंजूरी दी है. इस पर उत्पादन खर्च पर ५० से ८५ प्रतिशत नफा मिलने का स्पष्ट किया है. यह दिशाभूल होने का आरोप किसानों द्वारा लगाया रहा है. प्रत्यक्ष रूप में साधारण किसान इस बार हमीभाव संबंध में बडी आशा से इंतजार कर रहे है. उनका भ्रम निराश हो गया है. इस बार सोयाबीन और कपास को निजी बाजार में अधिक भाव मिला. फसल की क्षेत्रवृध्दि होने पर इस बार भी वही भाव मिलेगा. इसकी कोई गारंटी नहीं है. सीजन में भाव कम होने पर किसानों का नुकसान होगा. स्वामीनाथन आयोग की शिफारिश का सरकार ने इसमें विचार न किए जाने का किसानों का आरोप है.

* कांग्रेस सरकार के राज्य में जो होना है वह मोदी सरकार के राज्य में भी हो रहा है. उत्पादन खर्च बढा, किसानों की आजीविका का खर्च बढा. उस तुलना में ५ प्रतिशत से बढा यह हमीभाव किसानों के साथ केवल मजाक करना है.
विजय जावंधिया, किसान नेता

* गारंटी भाव किसानों के लिए भूलभूलैया है. उत्पादन खर्च बढने से एमएसपी ने किसानों का सामाजिक जीवन में परिवर्तन होगा. ऐसा नहीं लगता. इसकी सीमा स्पष्ट करे.
धनंजय काकडे, विदर्भ प्रमुख,
किसान संगठना

* एमएसपी के लिए कृषिमूल्य आयोग के तीन सूत्र
– ए-२ इस सूत्रानुसार बीज, खाद, कीटनाशक, मजदूरी, सिंचाई, इंधन इसका प्रत्यक्ष खर्च गिना जाता है.
– ए-२ व एफएल (फैमिली लेबर) इसमें किसान व उसके परिवार के श्रम का मूल्य गिना जाता है.
– सी-२ इसमें ए-२, ए-२ व एफएल इसके साथ ही निवेश के ऊपर का ब्याज व खेत जमीन का किराया जोडा जाता है.
* नाफेड में केन्द्र पर एमएसपीनुसार खेतमाल खरीदा जाता है. किंतु पैसे दो माह बाद मिलते है. किसान नगद पैसे के लिए बाजार समिति का सहारा लेेते है तथा व्यापारी षडयंत्र के शिकार होते है. हाल ही में यह तुअर व चने की खरीदी हमीभाव में नहीं होती.

* जिले की प्रमुख फसल के लिए इस बार हमी भाव
फसल    उत्पादन खर्च         एमएसपी (२१)     एमएसपी (२२)     वृध्दि     प्रतिशत
तुअर       4131                   6300                    6600                 300        4.76
मूंग        5176                    7275                    7755                 480        6.60
उडद       4155                    6300                    6600                  300       4.76
सोयाबीन 2805                    3950                    4300                  350        8.86
कपास (मध्यम) 4053            5726                    6080                  354        6.18

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