शिक्षण मंच का प्राध्यापक संमेलन
छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए विश्वविद्यालय ना छोड़ना पडे यही सपना- प्रदीप खेडकर
* 250 प्रोफेसरों की महत्वपूर्ण सहभाग
अमरावती/दि.9– अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ संलग्नित संत गाडगे बाबा अमरावती विद्यापीठ शिक्षण मंच जिला (शहर एवं ग्रामीण) कार्यकारिणी ने अमरावती जिले के सभी प्राध्यापकों के लिए एक संमेलन का आयोजन किया. कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ. के. एम. कुलकर्णी, पूर्व निदेशक, उच्च शिक्षा, महाराष्ट्र राज्य और पूर्व कुलपति, स्वामी रामानंद तीर्थ मराठवाड़ा विश्वविद्यालय नांदेड़ थे, जबकि प्रो. प्रदीप खेडकर, अध्यक्ष, अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, महाराष्ट्र प्रांत और संत गाडगे बाबा अमरावती विद्यापीठ शिक्षण मंच के अध्यक्ष थे. मंच पर प्रो. डॉ. सुनील अखरे, संभागीय महासचिव; प्राचार्य डॉ. मीनल भोडे, अध्यक्ष, महिला संवर्ग, महाराष्ट्र प्रांत; प्रा. डॉ रेखाताई मगगीरवार, अध्यक्ष, विभागीय महिला संवर्ग; साथ ही अमरावती जिला नगर अध्यक्ष डॉ. ओमप्रकाश मुंदे और अमरावती ग्रामीण अध्यक्ष डॉ. नीलेश तारे मौजूद थे.
उद्घाटन सत्र की शुरुआत में प्रो. डॉ ओमप्रकाश मुंदे ने कहा कि बैठक का उद्देश्य सभी प्राध्यापकों के सहयोग से पिछले पांच वर्षों में शिक्षण मंच द्वारा किए गए महान कार्यों के साथ-साथ केंद्र तथा राज्य सरकार, सहसंचालक, विश्वविद्यालय में संगठन द्वारा किए गए कार्यों का लेखा-जोखा देना था. अपने उद्घाटनपर भाषण में डॉ. कुलकर्णीने कहा कि, शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे बदलावों के साथ सरकारी स्तर पर प्रोफेसरों के सवाल को लेकर गलतफहमी और द्वेषभावना बढ़ रही है और प्रोफेसरों के बीच दूरी बनाने के लिए प्रोफेसरों के प्रकार भी बनाए गए हैं. उन्होंने शिक्षण मंच द्वारा समस्या को बने रखकर अपनी राजानितिका खेल चलाने जे फंडे को तोड़कर समस्या को जड से मिटाने हेतू किए गए कार्यों की सराहना की। संगठन की भूमिका, मूल्य और दिशा संघटन के सही प्रचारक है, इसलिए शिक्षकोंने समाज की बेहतरी और छात्रों के लाभ के लिए काम करने के लिए एक मजबूत संगठन के गठन मे सम्मिलित होना चाहिये ऐसा भाव प्रगट किया.
समेंलन के प्रथम सत्र में शिक्षण मंच के अध्यक्ष प्रा. खेडकर ने शिक्षण मंच की भूमिका को साकार करने में दूरदर्शिता रखने वाले मार्गदर्शक मंडल मदद कि वजह से मंच कि स्वप्निल घुड़दौड़ सफलता पा सकी और विद्यापीठ के सभी प्राधिकरणोपर अपना वर्चस्व बनाये रखा ऐसा माना. मंच को अनेक समस्याओ का समाधान करते समय, कृत्रिम रूप से निर्मित उलझनोको हल करने में उर्जा गवानी पडी, लेकीन आखरीकार समस्याओ का समाधान शिक्षण मंचनेही किया यह बात कही. प्राचार्य, प्राध्यापक, व्यवस्थापन और महिला संगठनों को एक साथ खड़ा कर मंचने विशिष्ट व्यवस्था बनाई. उन्होंने जोर देकर कहा कि संगठन का अगला कदम संगठन के माध्यम से हमारे अपने विश्वविद्यालय में अत्याधुनिक पाठ्यक्रम बनाने के सपने को पूरा करना होगा ताकि हमारे छात्रों को उच्च शिक्षा लेणे हेतू पुणे, मुंबई या दिल्ली जैसे शहरों में न जाना पड़े.
दूसरे सत्र में डॉ. सुनील आखरे, प्राचार्य डॉ. मीनल भोंडे, डॉ. रेखा मग्गीरवार, डॉ. दिनेश खेड़कर ने छात्रों, कॉलेजों, प्राचार्यों, प्रबंधन और विश्वविद्यालय स्तर पर पांच साल के शिक्षण मंच द्वारा किए गए कार्यों का सबूत के साथ प्रस्तुत किया. कार्यक्रम का संचालन प्रो. डॉ. दया पाण्डे एवं डॉ. नरेन्द्र माने ने उत्कृष्ट रूप से किया तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रो. डॉ. विद्या शर्मा एवं डॉ. मंगेश अडगोकर ने किया. कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. पूनम दिवसे ने संगठन के प्रेरणा गीत से की. विद्याभारती कॉलेज के एमबीए हॉल में आयोजित बैठक में अमरावती जिले के 250 से अधिक प्राचार्यों और प्रोफेसरों की उपस्थिति शिक्षा मंच की ताकत का प्रदर्शन करनेवाली मानी जा रही है.
* प्राध्यापकों की समस्याओं का निराकरण होंगा
हर एक प्रोफेसर को अकॅडेमिक, व्यावसायिक और सामाजिक रूप से प्रशिक्षित और विशेषज्ञ होना हेतू शिक्षण मंच द्वारा किये गये प्रयासोकी सभी स्तरोली कि गयी गहरी सराहना प्रेरक थी. मंच का उद्देश्य प्राध्यापकों की सभी समस्याओं को दूर करना है. भविष्यमे आने वाली राष्ट्रीय/राज्य सरकार की नीतियो का चिकित्सात्मक अभ्यास कर सही दिशा मी सकारात्मक परिवर्तन लाना, आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए अपने हर एक साथी को सशक्त करना हि आगेका उदेश्य है.
– प्रो. प्रदीप खेडकर, अध्यक्ष, शिक्षण मंच, अमरावती