यूजीसी रेग्युलेशन में बदलाव पर भडके प्राध्यापक
71 दिनों का काटा हुआ वेतन तुरंत अदा करने की मांग
* सहसंचालक कार्यालय के सामने नुटा का धरना
अमरावती/दि.2 – अमरावती विभाग के सैकडों प्राध्यापकों ने नुटा के बैनर तले सहसंचालक कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया. उच्च शिक्षा सहसंचालक डॉ. केशव तुपे को निवेदन सौंपकर प्रलंबित मांगे तुरंत पूर्ण करने मांग की. यूजीसी रेग्युलेशन को जस की तस लागू करने के स्थान पर राज्य सरकार ने उसमें बदलाव कर लागू किया. जिसका खामियाजा प्राध्यापकों को भुगतना पड रहा है, ऐसा पक्ष आंदोलक प्राध्यापकों ने रखा.
18 जुलाई 2018 को राज्य सरकार को यूजीसी रेग्युलेशन कानून जस की तस लागू करने को कहा गया था. लेकिन राज्य सरकार ने उसे तरोड-मरोडकर पेश किया. जिसके कारण प्राध्यापकों का 71 दिनों का वेतन काटा गया. उस संदर्भ में न्यायिक प्रक्रिया के बाद वेतन लौटाने संबंधित निर्णय लिया गया. जिस पर अभी तक कोई अमल नहीं हुआ है. एमफुक्टो ने इस संदर्भ में चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा की थी. जिसके तहत सोमवार को उच्च शिक्षा सहसंचालक कार्यालय के सामने धरना आंदोलन किया गया. आंदोलन में नुटा व एमफुक्टो के उपाध्यक्ष डॉ. विवेक देशमुख ने यूजीसी रेग्युलेशन यथाशिघ्र लागू करने का आवाहन किया. डॉ. प्रवीण रघुवंशी ने आंदोलन की भूमिका स्पष्ट की. आंदोलन में डॉ. सुभाष जाधव, डॉ. काशिनाथ बर्हाटे, डॉ. रविंद्र मुंद्रे, डॉ. राजेंद्र भांडवलकर, डॉ. आशिष राउत, डॉ. महेंद्र मेटे, डॉ. जे.जे. जाधव, प्रा. विलास ठाकरे आदि ने अपने-अपने विचार रखे. नुटा व एमफुक्टों के कार्यकारिणी सदस्य, विविध महाविद्यालय के प्राचार्य, प्राध्यापक बडी संख्या में आंदोलन में शामिल थे.