सिंधी समाज द्वारा त्रासदी स्मृति दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन
विभाजन की विभीषिका कुर्बानी व संघर्ष की याद बनाए रखे- किरण पातुरकर
अमरावती/दि.15 – भारत देश का विभाजन सबसे बरी दुखदायी घटना थी. लाखों ने जान गंवाई, लाखों लोग बेघर हो गए. विभाजन की त्रासदी सबसे अधिक अगर किसी समाज ने झेली है तो वह सिंधी समाज व पंजाबी समाज ने. विभाजन की विभीषिका कुर्बानी व संघर्ष की याद बनाए रखने व अपनी युवा पीढ़ी को जानकारी देने के लिए यह आयोजन अति आवश्यक है. इस आशय का प्रतिपादन भारतीय जनता पार्टी अमरावती जिला के अध्यक्ष किरण पातुरकर ने किया. वे पूज्य उदासीन समाधा आश्रम में विदर्भ सिंधी विकास परिषद अमरावती, विदर्भ सिंधी विकास परिषद महिला मंच अमरावती तथा पूज्य समाधा आश्रम अमरावती के संयुक्त तत्वावधान में विभाजन की विभिषिका (त्रासदी) स्मृति दिवस,अखंड भारत संकल्प दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में बोल रहे थे.
इस समय विदर्भ सिंधी परिषद अमरावती के अध्यक्ष तुलसी सेतिया ने प्रास्ताविक में कहा कि विभाजन का दर्द क्या होता है यह हमारे बुजुर्ग बतलाते हैं. विभाजन के समय सिंधी समाज जमीन, जायदाद, काम धंधे अपना सब कुछ त्यागकर पने ही विभाजित भारत देश में आये. यहां आकर संघर्ष किया और आज भारत की खुशहाली में बहुत बड़ा योगदान दे रहे हैं.
भोपाल से आये अ.भा. सिंधु संत सभा के सलाहकार स्वामी तुलसीदास उदासी की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में पूज्य पंचायत कंवर के पूर्व अध्यक्ष एड. वासुदेव नवलानी, पूर्व उपाध्यक्ष कोटूराम रायचंदानी, भाजपा के वरिष्ठ नेता शंकरलाल बत्रा, अजय सोदेकर, म.रा. सिंधी साहित्य अकादमी के सदस्य डॉ. एस.के. पुंशी, विदर्भ सिंधी विकास परिषद के महासचिव पंडित दीपक शर्मा, महिला मंच की अध्यक्षा राजकुमारी झांबानी, उपाध्यक्ष मोहनलाल मंधानी, आत्माराम पुरसवानी, सचिव डेटाराम मनोजा, नानकराम मूलचंदानी, शिव कुमार मोहनानी, श्रीचंद फुलवानी, पूज्य समाधा आश्रम के नानकराम मूलचंदानी मंचासीन थे. इस समय एड. वासुदेव नवलानी ने विभाजन की त्रासदी पर प्रकाश डाला.
कार्यक्रम में पूर्व नगरसेवक बलदेव बजाज, विदर्भ सिंधी विकास परिषद महिला मंच अमरावती की महासचिव मंजू आडवानी, ज्योति तलरेजा, पूजा वालेचा, महल सोजरानी, संत आसूदास सेवा समिति के सत्यवानदास चांदवानी, नरसिंगदास झांबानी, हरीश डेम्बला, चंदरलाल मकवानी, मह मूलचंदानी, अनिल तरडेजा, सुनील भुतड़ा, यश नवलानी, रमेशलाल किंगरानी, सुरेश मूलानी, राजू तखतानी, पहिलाज नवलानी,राजकुमार रतनानी,संतोष कुकरेजा,अनिल गिरडा,हरीश सारानी,नितिन मूलचंदानी,हरीश गिरडा,सावलानी, श्रवण राजवानी,संजय बत्रा,ओमप्रकाश पुंशी, जीतू आसानी, नितिन मूलचंदानी, गुड्डू लालवानी, सुधा सचदेव, संजना सावलानी, पारशी खत्री,मनिका राजानी,रितिका किंगरानी,सपना नवलानी,दीपा दादलानी, खुशबू खत्री, शिल्पा मूलचंदानी,उर्मिला चिमनानी, ईशिका ठाकुर,गंगा नवलानी, गौरी नवलानी,जेवीं मूलचंदानी,कोमल सेवानी, साक्षी सेवानी, महक गेरडा, सोना केशवानी, निशा बत्रा, कांता बत्रा, रचना गेरडा,नीतू खत्री,किरण खत्री,अंजू ठाकुर,गीता मोटवानी, शारदा सावलानी, सत्ती नवलानी, रेशमा बुधलानी, रेशमा नानवानी, रेशमा बत्रा, नीलम चिमनानी, लता बुधलानी, भाविका बुधलानी, सुमित्रा नवलानी, राजकुमारी नाचवानी आदि उपस्थित थे. आभार प्रदर्शन नानकराम मूलचंदानी ने किया. कार्यक्रम का समापन पल्लव के साथ हुआ.