प्रगति पैनल के प्रचार कार्यालय का जोरशोर से उदघाटन
डॉ. पंजाबराव बैंक ने हजारो बहुजनो का कल्याण करते हुए प्रगति की
दिलीप इंगोले का प्रचार सभा में कथन
अमरावती/दि.23- डॉ. पंजाबराव देशमुख अर्बन को-ऑप बैंक यह भाउसाहब के नाम से जिले के सहकार क्षेत्र की सबसे बडी बैंक है. इस बैंक ने अब तक अनेक संकट से गुजरते हुए हजारो बहुजनों का कल्याण करते हुए प्रगति की है. आगे भी बैंक को किसी भी तरह का क्षति न पहुंचते वह अच्छा काम करती रहेंगी. इस चुनाव के बाद भाउसाहब के नाम से रही यह बैंक पूर्ण रुप से प्रगतिपथ पर जाएगी, ऐसा विश्वास शिवाजी शिक्षण संस्था के कोषाध्यक्ष तथा प्रगति पैनल के प्रचार कार्यालय के उदघाटक दिलीपबाबू इंगोले ने प्रचार सभा में व्यक्त किया.
अमरावती पंचायत समिति कार्यालय के पास प्रगति पैनल के मुख्य प्रचार कार्यालय का दिलीबबाबू इंगोले के हाथो हुए उदघाटन अवसर पर वें बोल रहे थे. इस सभा की अध्यक्षता शिवाजी शिक्षण संस्था के कार्यकारिणी सदस्य हेमंत कालमेघ ने की. इस अवसर पर कार्यक्रम में विदर्भ युथ वेलफेअर सोसायटी के कोषाध्यक्ष प्रा. हेमंत देशमुख, शिवाजी संस्था के प्रा. केशवराव गावंडे, सुभाष बनसोड समेत प्रगति पैनल के उम्मीदवार बालकृष्ण अढाउ, सुरेंद्र गावंडे, प्रशांत डवरे, अभय ढोबले, नरेश पाटील, ओंकार बंड, सुगंध बंड, राजेंद्र महल्ले, दिलीप देशमुख, राजेश उर्फ अमोल बारब्दे, अनिल भारसाकले, विद्याधर उर्फ भैयासाहब मेटकर, अक्षय इंगोले, यशपाल वरठे, जयवंत वडते, अंजली ठाकरे, पूनम चौधरी आदि उपस्थित थे. सभा के दौरान निर्विरोध निर्वाचित हुए अक्षय इंगोले का सत्कार हेमंत कालमेघ के हाथो किया गया. इस अवसर पर दिलीपबाबू इंगोले ने कहा कि उनके जैसे अनेक लोग इस बैंक के कारण आगे बढे है. जिस समय राष्ट्रीयकृत बैंक बहुजन समाज के युवाओं को रोजगार, शिक्षा अथवा उद्योग के लिए कर्ज नहीं देती थी, उस समय डॉ. पंजाबराव देशमुख अर्बन को-ऑप बैंक सहायता के लिे सामने आई. बहुजन समाज के उत्थान के लिए ही इस बैंक की स्थापना हुई है और उसका मकसद सफल हो रहा है. आगे भी इस बैंक को नई उंचाई पर जाते हुए बहुजनों के हित के लिए काम करना है. बैंक को सभी तरह की दुविधा से निकालकर अ दर्जे की बैंक बनाने और डिजिटल बैंक की तरह सुविधा शुरू करने के लिए काम करने प्रगति पैनल के सभी उम्मीदवारो को भारी मतो से जीत दिलवाने का आवाहन इंगोले ने किया. सभा में अमरावती जिले सहित अकोला, यवतमाल, बुलढाणा समेत विविध स्थानों से आए मतदाता बडी संख्या में उपस्थित थे.
चुनाव निर्विरोध करने के थे प्रयास
चुनाव लोकतंत्र का एक भाग रहा तो भी उसे टालते आया तो विवाद कम होकर संस्था के विकास का मार्ग मजबूत होता है. किसी के भी मतदान का अधिकार छिनने का इसमें प्रश्न निर्माण नहीं होता. आखिर में संस्था का विकास ही हम सबके हित का है. इसी कारण पिछले तीन चुनाव से मैनें यह चुनाव न होने के लिए प्रयास किए. इसमें काफी सफल भी हुआ. लेकिन सभी को नहीं समझा पाया. आज उन्हीं के कारण यह चुनाव हो रहे है.