अमरावती

फाइनेंस कंपनियों की वसूली पर रोक लगाए तथा लोन में छूट दी जाए

नागरिको की सरकार से मांग

शिरजगांव कसबा/दि.10 – कोरोना की दूसरी लहर ने पूरे देश में हाहाकार मचा रखा हुआ चारों और मौत का तांडव देखने को मिल रहा है जिस पर काबू पाने के लिए सरकारी स्तर पर हर संभव प्रयास किए जा रहे है. देश में सबसे पहले महाराष्ट्र सरकार ने दूसरी बार लॉकडाउन घोषित किया है. पूरे महाराष्ट्र में फिर से 15 मई तक लॉकडाउन लगाया गया है. इस लॉकडाउन में अत्यावश्यक सेवाओं को छोड़कर सारे कामकाज बंद है. जिसके कारण फिर से लोगों पर आर्थिक संकट मंडरा रहा है लोगों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है. लोग फिर से अपने घरों में कैद हो चुके है. हाथ में काम नहीं पास में पैसा नहीं कई परिवारों के खाने के लाले पड़ रहे है. कारोबार बुरी तरह प्रभावित होने लगा है. इस बीच कर्ज की अदायगी लोगों के लिए एक नई मुसीबत बनकर सामने खड़ी है.
आर्थिक संकट कर्ज चुकाने में असमर्थ- इस महामारी में कई लोगों का रोजगार चला गया वहीं कोरोना की धीमी रफ्तार के बाद फिर से लोग रोजगार की तलाश और व्यापार में जुटे ही थे कि दूसरी लहर ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है. लेागों को फिर से आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है. रोजगार के लिए तो कई लोगों ने अपने सपने पूरे करने के लिए व्यापार के लिए छोटे बड़े बैंक तथा फायनेंस कंपनियों से लोन लेकर अपना व्यापार, कारोबार चालू किया था लेकिन अचानक लगे लाकडाउन ने फिर उन पर कहर बरपाना शुरू कर दिया है. कारोबार चोपट हो चुका है. व्यापार डूब चुका है. हाथ में काम नहीं, फसले बर्बाद हो गई. ऐसे में कर्ज की अदायगी को लेकर एक नया संकट सामने खड़ा है. जिसमें राहत के लिए सरकार से मांग की जा रही है.

लोन की छूट की मांग

राज्य में लगाए गये लॉकडाउन के बाद लोगों के हाथ में काम नहीं, लोग घरों में बंद है, पास में पैसा नहीं जिसकी वजह से लोगों की कमाई नहीं हो पा रही जिससे कई लोग लोन चुकाने में असमर्थ है पास में पैसा नहीं तो लोन की अदायगी किसी तरह करें. इस तरह के अनेक संकट सामने खड़े है और उसमें फायनेंस कंपनियों की ओर से चल रही जबरी वसूली से लोगों पर तनाव बढ़ रहा है कंपनी के प्रतिनिधि घरों पर आकर दबाव बताते है जिससे मानसिक तनाव भी बढ़ने लगा है और आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे नागरिक परेशान और प्रशासन से किस्त की अदायगी में राहत की मांग कर रहे है और शासन प्रशासन से इस ओर गंभीरता से ध्यान देकर ईएमआई पर छूट व फाईनेंस कंपनियों की वसूली पर सरकार ब्रेक लगाए, ऐसी मांग नागरिको की ओर से की जा रही है.

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