वैद्यकीय व्यवसाय पर हिंसाचार का जताया निषेध
इंडियन मेडिकल एसो. ने मनाया हिंसाचार राष्ट्रीय विरोधी दिन
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840 डॉक्टरों ने काली फीत लगाकर किया कामकाज
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जिलाधिकारी को सौंपा निवेदन
अमरावती/दि.19 – इंडियन मेडिकल एसो. दिल्ली के आदेशानुसार शुक्रवार को संपूर्ण भारत भर में वैद्यकीय व्यवसायियों ने वैद्यकीय व्यवसाय पर बढती हिंसाचार की घटनाओं का निषेध व्यक्त करते हुए राष्ट्रीय विरोध प्रदर्शन दिन मनाया. इस अवसर पर इंडियन मेडिकल एसो. के सदस्यों ने काली फीत लगाकर घटना का निषेध व्यक्त करते हुए डॉक्टरों की सुरक्षा प्रदान किए जाने की जिलाधिकारी से मांग की.
पिछले वर्ष राज्य में करीब 57 डॉक्टरों तथा अस्पतालों पर हमले हुए है. इस प्रकार की 272 घटनाएं हुई है. सबूतों के बावजूद भी अपराधियों को रिहा कर दिया जा रहा है. डॉक्टर निडरता के साथ मरीजों की सेवा नहीं कर पा रहे है. हाल में हुए सर्वेक्षण के अनुसार मरीजों को हायर सेंटर रेफर किया जा रहा है. जिससे मरीजों को नुकसान हो रहा है. इंडियन मेडिकल एसो. के व्दारा डॉक्टरोंं पर हो हमले का निषेध व्यक्त कर उन्हें सुरक्षा प्रदान करने की मांग की गई.
शुक्रवार को इंडियन मेडिकल एसो. के लगभग 840 डॉक्टरों ने काली फित लगाकर कामकाज किया और डॉक्टरों पर हो रही हिंसाचार की घटनाओं पर रोक लगाने व कानून को प्रभावी तरीके से अमल में लाए जाने की मांग की. इस अवसर पर आयएमए जिलाध्यक्ष डॉ. दिनेश ठाकरे, सचिव डॉ. संदीप दानखडे, पीडीएमसी के अधिष्ठाता डॉ. अनिल देशमुख, डॉ. निलिमा अर्डक, डॉ. विक्रम देशमुख, डॉ. अनिल रोहणकर, डॉ. मनीष राठी, डॉ. अश्विनी देशमुख, डॉ. अलका कुथे, डॉ. ऋषिकेश नागलकर, डॉ. विक्रम देशमुख, डॉ. विक्रम वानखडे सहित जिले व शहर के डॉक्टर उपस्थित थे.
ठोस कानून बनाए जाए
राज्य में दिनों दिन वैद्यकीय व्यवसाय पर हिंसाचार की घटनाएं दिनों दिन बढ रही है. अस्पतालों की संपत्ति का नुकसान हो रहा है. पिछले 11 वर्षो में तोडफोड करने वालों पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई. इस संदर्भ में ठोस कानून अमल में लाकर अपराधियों को कडी सजा दी जाए ऐसी मांग आयएमए व्दारा की गई.
डॉक्टरों पर हो रहे हमले रोके जाए
डॉक्टरों पर हो रहे हमले रोके जाए. हिंसाचार के विरोध में डॉक्टरों व्दारा काली फीत लगाकर कामकाज किया गया है. डॉक्टरों पर हो रहे हमलों को लेकर राज्य सरकार ठोस कानून बनाए और दोषियों पर कार्रवाई करें.
– डॉ. संदीप दानखडे, सचिव आयएमए