केंद्र व राज्य सरकार की जनविरोधी नीति का निषेध
संयुक्त किसान मोर्चा ने किया प्रदर्शन
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नांदगांव खंडेश्वर/दि.16-किसानों की लंबित मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने शुक्रवार 16 फरवरी को ग्रामीण भारत बंद का ऐलान किया था. इसके तहत आज नांदगांव खंडेश्वर में संयुक्त किसान मोर्चा के समूह संगठन व महाविकास आघाडी के समूह दल ने इसे प्रतिसाद देते हुए प्रदर्शन किया. केंद्र व राज्य सरकार की गलत नीति के कारण कृषि व किसान संकट में आ गए है.
ऐतिहासिक दिल्ली आंदोलन के समय किसानों को दिए आश्वासन को मोदी सरकर ने पूरा नहीं किया. सभी फसलों के लिए न्यूनतम गारंटी मूल्य का कानून बनाएं, इस किसानों की मांग को केंद्र सरकार ने प्रतिसाद नहीं दिया. स्वामिनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने की मांग रहने पर भी मोदी सरकार अनदेखी कर रही है. किसान आंदोलन, अभियान को दबाव डालने का काम भी सरकार द्वारा किया जा रहा है. इतनाही नहीं तो किसान विरोधी आयात-निर्यात नीति लागू कर तुवर, सोयाबीन, कपास जैसी मुख्य फसल के दाम में गिरावट लाने का कृत्य सरकार कर रही है. केंद्र व राज्य सरकार की इस जन विरोधी नीति का विरोध करने तथा स्वामिनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करें, फसल बीमा क्षेत्र से निजी बीमा कंपनियों को बाहर करें, सरकारी बीमा कंपनी की स्थापना करें, कृषि उपज को उचित दाम दें, आदि सहित अन्य मांगों को लेकर किए गए भारत बंद के ऐलान में नांदगांव तहसील के किसान बडी संख्या में शामिल हुए. इस समय तुकाराम भस्मे, पूर्व विधायक वीरेंद्र जगताप, सुनिल मेटकर, विनोद तरेकर, हरिदास देशमुख, संतोष सुरजुसे, हरिदास राजगिरे,श्याम शिंदे, निशीकांत जाधव, दिलीप महत्ले, अनिल मारोटकर, अमोल धवसे, ओंकार ठाकरे, प्रकाश मारोटकर, ओमप्रकाश सावले, संजय मडवधरे, उमेश बनसोड, सुरेशराव कहाते, छोटू मुंदे, नरेंद्रभैय्या पाटील धवस, माधव ढोके, दिपक भगत, गौतम सोनोने, अक्षय पारसकर, कृषी उत्पन बाजार समिती के संचालक ओमप्रकाश सावले, प्रमोद ठाकरे, गजानन सावदे, दिपक सवाई, प्रमोद कोहले, मनोज गावंडे, मो . साजीद, किशोर गुलालकरी, अशोक केशरखाने, हरिष बोरकर, अमोल हिरोडे,निरंजन मुंदे उपस्थित थे. इस आंदोलन को महाविकास / इंडिया आघाडी के भारतीय कम्युनिस्ट पक्ष, भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पक्ष, शिवसेना ( ठाकरे गट ), राष्ट्रवादी काँग्रेस (शरद पवार ) व विदर्भ शेतकरी समिती ने समर्थन दिया.