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प्रोजेक्ट मुंबई संस्था ने ली कोरोना से अनाथ हुए बच्चों की जवाबदारी

जिले के 37 अनाथ बालकों का शिक्षा शुल्क अदा किया

* पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने दी जानकारी

अमरावती/ दि.8 – कोरोना महामारी के चलते अनाथ हुए बच्चों के शालेय शुल्क की जवाबदारी व उन बच्चों को समुपदेशन करने का कार्य स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से किए जाने का काम शासन ने अपने हाथ में लिया है. प्रोजेक्ट मुंबई इस संस्था ने अनाथ बच्चों की शिक्षा शुल्क की जवाबदारी ली है. जिसमें जिले के 37 बालकों के लिए शैक्षणिक शुल्क इस संस्था व्दारा अदा किया गया.
अनाथ बालकों की सहायता हेतु प्रोजेक्ट मुंबई तथा इंडियन सायकियाट्रीक सोसायटी इस संस्था के साथ सामांजस्य करार भी किया है. जिसमें इन बच्चों को शिक्षा से संबंधित साहित्य भी प्रदान किए जाएंगे ऐसी जानकारी जिले की पालकमंत्री तथा राज्य की महिला व बालविकास मंत्री यशोमति ठाकुर ने दी है.
पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने कहा कि, कोरोना महामारी में जिन बच्चों के सर से माता-पिता का साया उठ चुका है उन अनाथ बच्चों के पालन-पोषण की जवाबदारी शासन व्दारा ली गई है. इन बालकों को शिक्षा, व्यवसायिक प्रशिक्षण आदि सुविधाएं उपलब्ध कर उनके पुर्नवसन हेतु सरकार कटिबद्ध है. ऐसे में इन बच्चों की शिक्षा व पुर्नवसन के लिए स्वयंसेवी संस्थाएं भी आगे आ रही है.
प्रोजेक्ट इंडिया व इंडियन सायकियाट्रीक सोसायटी इस संस्था के साथ करार भी किया गया है. प्रोजेक्ट मुंबई संस्था व्दारा अनाथ बालकों के 3 साल का शैक्षणिक शुल्क सीधे शैक्षणिक संस्थाओं के खाते में जमा कर दिया गया है. इन बच्चों को आवश्यकता के अनुसार मोबाइल, लेपटॉप, साइकिल आदि की भी सुविधाएं उपलब्ध करवायी जाएगी. कोरोना काल में जिन बालकों के अभिभावकों की जान गई है उन बालकों को सहायता दिए जाने हेतु प्रयास किए जा रहे है. संस्था व्दारा सहायता दिए जाने हेतु 18001024040 टोल फ्री क्रं. भी शुरु किया गया है. जिस पर संपर्क स्थापित किए जाने पर तत्काल सहायता प्रदान की जाएगी ऐसा प्रोजेक्ट इंडिया के शिशिर जोशी ने कहा है.

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