अमरावती

आय अधिक होने कोई हल न निकलने से अमरावती-नागपुर मेट्रो मार्ग का प्रोजेक्ट अटका

चार माह पूर्व रेलवे मंत्रालय के पास भेजे गए प्रस्ताव को अभी तक मंजूरी नहीं

* रेलवे, महामेट्रो रेल मंत्रालय सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उदासिनता
अमरावती/दि.6– अमरावती-नागपुर ब्रॉडगेज मेट्रो के लिए महामेट्रो ब्रॉडगेज प्रोजेक्ट के जरिए चार माह पूर्व रेलवे मंत्रालय के पास भेजे गए प्रस्ताव को अभी तक मंजूरी न मिलने से इस प्रकल्प की प्रक्रिया ठप पडी हैं. पहले प्रति किलोमीटर 40 से 50 पैसे लाभ मिले ऐसा रेलवे को लग रहा था. लेकिन अब सवा से डेढ प्रति किमी. मिलना चाहिए ऐसा लगता हैं. इस बढोतरी मूल्य बाबत कोई भी हल न निकलने से ब्रॉडगेज मेट्रो प्रकल्प के मार्ग में दुविधा निर्माण हो गई हैं. रेलवे, महामेट्रो, रेलवे मंत्रालय सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उदासिनता के कारण यह महत्वकांक्षी प्रकल्प कागजों पर ही सीमित रहा हैं.
कोरोना लहर के पूर्व केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने जल्द ही अमरावती-नागपुर आरामदाय मेट्रो शुरु करने की घोषणा की थी. साथ ही इसमें निजी कंपनियों की साझेदारी रहेगी ऐसा कहा था. लेकिन कोई भी निजी पाटनर सामने न आने से निजी साझेदार का विषय रुक गया. इस उपक्रम बाबात केंद्रीय मंत्री गडकरी की तत्कालीन रेलवे मंत्री गोयल से भी चर्चा हुई थी. लेकिन पश्चात रेल मंत्री बदल गए इस कारण अमरावती-नागपुर मेट्रो उपक्रम ठंडे बस्ते में हैं. नागपुर एक्सप्रेस से टिकट अब आरक्षित कर जाने के लिए 175 रुपए लगते हैं और यह सफर साढे तीन घंटे मे होता हैं. शिवशाही बस से जाने पर 365 रुपए देने पडते हैं. समय भी साढे तीन घंटे लगता हैं. इस तुलना में मेट्रो का सफर सुलभ साबित हो सकता हैं. क्योंकि अमरावती से नागपुर की तरफ जाने वाली और वहां से आने वाली यात्रियों की संख्या हर दिन सैकडों में रहती हैं. इसी कारएण मेट्रो दौडाने की योजना बनी. शुरुआत में तेजी से गतिविधियां भी शुरु हैं लेकिन अब सारी प्रक्रिया ठप पडी हैं. इसके लिए महामेट्रो सहित भारतीय रेल व स्थानीय जनप्रतिनिधियों को प्रयास करने की आवश्यकता हैं. कोच तैयार करने के लिए लगने वाला खर्च, राजस्व का वितरण और टिकट के दाम तथा काम की जिम्मेदारी बाबत महामेट्रो ब्रॉडगेज प्रोजेक्ट ने प्रस्ताव तैयार कर वह पहले मध्य रेलवे के पास भेजा. इस पर अभी तक कोई भी निर्णय नहीं हुआ हैं. अमरावती सहित जिले के नागरिक आतुरता से मेट्रो की प्रतीक्षा कर रहे हैं. वहीं रेलवे और मेट्रो के अधिकारी एक दूसरे की तरफ उंगली दिखाकर हाथ झटक रहे हैं.

* मेट्रो को रहेंगे वंदे भारत के 6 से 12 कोच
रेलवे व्दारा हरी झंडी देने के बाद ब्रॉडगेज मेट्रो को वंदे भारत ट्रेन के कोच रहेंगे. इसमें केवल बैठने की सुविधा रहेगी साथ ही 3, 6, 12 संख्या में कोच रहेंगे. मेट्रो की तरफ टिकट और उसकी जांच की जिम्मेदारी रहेगी. साथ ही खाद्य पदार्थ, पेयजल, शीतपेय भी किफायती दाम में मिलेगा ऐसी जानकारी मेट्रो कार्यालय व्दारा दी गई. मेट्रो शुरु होने पर यात्रियों का समय और पैसा बचेगा. यह मेट्रो 90 किमी. प्रति घंटा रफ्तार से दौडने वाली हैं और नागपुर 2 घंटे में पहुंचेगी. मेट्रो के सभी कोच एसी (वातानुकूलीत) रहेंगे. इस कारण नागपुर के लिए प्रति यात्री टिकट 200 रुपए रहने की संभावना मेट्रो के कर्मचारी ने व्यक्त की हैं. मेट्रो ट्रेन शुरु होने के बाद पैसेंजर ट्रेन बंद हो जाएगी और मेट्रो मार्ग पर सीमित स्टॉपेज रहेंगे. ऐसी जानकारी महामेट्रो व्दारा दी गई हैं.

* रेल मंत्रालय की तरफ से कोई हलचल नहीं हैं
पैसेंजर ट्रेन की बजाए मेट्रो चलाई जाने वाली हैं. इस संदर्भ में मेट्रो की तरफ से हमारे पास आया प्रस्ताव मध्य रेवले ने रेल मंत्रालय के पास चार माह पूर्व ही भेजा हैं. लेकिन इस बाबत कोई भी हलचल शुरु नहीं हुई हैं इस बाबत प्रयास जारी हैं.
– जीवन चौधरी, पीआरओ मध्यरेलवे भुसावल

* केवल अनुमति की आवश्यकता
यह ब्रॉडगेज मेट्रो है इसके लिए रेल मंत्रालय की तरफ से अभी तक हरी झंडी नहीं मिली हैं. हम भी प्रतीक्षा में हैं क्योंकि अमरावती-नागपुर मेट्रो के लिए रेलवे स्टेशन, रेल लाइन, बिजली आदि सुविधा उपलब्ध हैं. केवल मेट्रो चलाने की अनुमति मिलनी चाहिए.
– सुनील तिवारी, पीआरओ महामेट्रो

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