प्रकल्पग्रस्तों ने शुरू किया आमरण अनशन
अमरावती/दि.4– विदर्भ बलिराजा प्रकल्पग्रस्त संघर्ष समिती के नेतृत्व में सभी प्रकल्पग्रस्तों की मांगों व अधिकारों के लिए आज से स्थानीय जिलाधीश कार्यालय के समक्ष आमरण अनशन करना शुरू किया गया. साथ ही जिलाधीश पवनीत कौर के जरिये राज्य सरकार के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा गया है.
प्रकल्पग्रस्तों द्वारा सौंपे गये ज्ञापन में कहा गया कि, महाराष्ट्र में सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध कराते समय पश्चिम महाराष्ट्र को प्रथम प्राधान्य देते हुए विदर्भ को इससे जानबूझकर वंचित रखा गया. जिससे विदर्भ में सिंचाई को लेकर जबर्दस्त अनुशेष पैदा हुआ. इसकी जानकारी जब सामने आने लगी, तब विदर्भ क्षेत्र, विशेषकर अमरावती संभाग में वर्ष 2000 के बाद 150 से अधिक सिंचाई प्रकल्पों को मंजूरी दी गई. किंतु भूसंपादन अधिनियम 1894 अस्तित्व में रहने के बावजूद 6 जून 2006 को सीधी खरीदी हेतु परिपत्रक जारी किया गया. जिसके तहत किसानों की अज्ञानता व आर्थिक दुर्बलता का फायदा उठाते हुए उनकी मूल्यवान जमीनों को सस्ती दरों पर खरीदा गया और इसके खिलाफ अदालत में इन्साफ मांगने के उनके अधिकार को भी छिन लिया गया. यह सीधे-सीधे गरीब किसानों पर अन्याय है. अत: किसानों को उनकी जमीनों की योग्य कीमत और इन्साफ दिया जाना चाहिए.
अनशन करनेवालों में माणिकराव गंगावणे, मनोज तायडे, रविंद्र जैन, अजय भोयर, राजाभाउ काले, विजय दुर्गे, सचिन घवले आदि का समावेश है.