सेवानिवृत्ति के एक दिन पूर्व पदोन्नति और हुए वरिष्ठ प्राध्यापक
कुलगुरु की न्यायिक भूमिका
* तत्काल मुलाकात लेकर ‘कॅस’ अंतर्गत गुरुवार को पदोन्नति का निर्णय
* संपूर्ण प्रक्रिया उचित रहने का दावा
अमरावती /दि. 29– संत गाडगे बाबा अमरावती विद्यापीठ के रासायनिक तंत्रशास्त्र विभाग में सहयोगी प्राध्यापक पद पर कार्यरत रहे डॉ. नरेंद्र शेलुकर आज सेवानिवृत्त हो रहे है. लेकिन डॉ. शेलुकर गुरुवार को तत्काल मुलाकात लेकर ‘कॅस’ अंतर्गत उन्हें पदोन्नति देते हुए वरिष्ठ प्राध्यापक के रुप में पदस्थापना दी गई. सेवानिवृत्ति के एक दिन पूर्व पदोन्नति का यह मामला यानी विद्यापीठ के कामकाज पर प्रश्नचिन्ह निर्माण करनेवाला साबित हो रहा है. कुलगुरु डॉ. मिलिंद बारहाते ने डॉ. शेलुकर बाबत ली भूमिका यह न्यायिक रहने की प्रतिक्रिया दी जा रही है.
डॉ. शेलुकर को पदोन्नति देनेबाबत विद्यापीठ ने गुरुवार को तत्काल स्वतंत्र व्यवस्थापन परिषद की बैठक बुलाई थी. इसमें डॉ. शेलुकर के पदोन्नति बाबत अटकी कुछ बातों और न्यायिक विषयों पर चर्चा होने की जानकारी है. कुलगुरु डॉ. बारहाते ने किसी अधिकारी, कर्मचारी सेवानिवृत्त होता हो और प्रशासन की गलती के कारण उसकी पदोन्नति अटकी हो तो ऐसे प्रकरण में सकारात्मक दृष्टि का विचार कर संबंधित को न्याय देने की भूमिका रहनी चाहिए. यही भूमिका कुलगुरु के रुप में ली रहने की बात व्यवस्थापन परिषद की बैठक में उन्होंने स्पष्ट की. प्रशासन की गलती प्राध्यापक क्यों भुगते? ऐसी बेबाक भूमिका कुलगुरु डॉ. बारहाते ने रखी. इस कारण डॉ. शेलुकर यह आज शुक्रवार 29 नवंबर को सेवानिवृत्त होते रहे तो भी उनका पिछला इतिहास और अपने कर्तव्य का लेखाजोखा देखकर ‘कॅस’ अंतर्गत उन्हें पदोन्नति देते हुए वरिष्ठ प्राध्यापक के रुप में पदस्थापना देने का निर्णय व्यवस्थापन परिषद में लिया गया. इस कारण देरी से ही क्यों न हो डॉ. शेलुकर को न्याय मिलने की भावना गुरुवार को विद्यापीठ परिसर में थी, यह विशेष.
* तकनीकी दुविधा को दूर किया
डॉ. नरेंद्र शेलुकर के पदोन्नति बाबत कुछ तकनीकी दुविधा थी. लेकिन कुलगुरु डॉ. मिलिंद बारहाते की न्यायिक भूमिका के कारण उन्हें वरिष्ठ प्राध्यापक के रुप में पदोन्नति मिली. वे आज सेवानिवृत्त हो रहे है. यह सभी प्रक्रिया अब पूर्ण हो गई है.
– अविनाश असनारे, कुलसचिव.