अमरावती

खाद की बैगों से ‘भाजप’ का प्रचार!

करोडों रुपए की दी जा रही सबसीडी

अमरावती/दि.17 – राजनीतिक दलों द्बारा अपने प्रचार के लिए विभिन्न हथकंडे प्रयोगमें लाए जाते है. ताकि अधिक से अधिक लोगों तक वे अपना नाम पहुंचा सके. इसी के तहत इस वर्ष केंद्र सरकार द्बारा सबसीडी वाले खाद की बिक्री करने हेतु तैयार की गई खाद की थैलियों पर बडी ही चतुराई के साथ ‘भाजप’ का नाम अंकित किया गया है. केंद्र सरकार के प्रचार की इस नई पद्धति में अनुदानित सबसीडी वाली खाद के बोरों पर कंपनी का नाम काफी छोटे अक्षरों में अंकित है. लेकिन भारतीय जनउर्वरक परियोजना काफी बडे अक्षरों में कुछ इस तरह से लिखा गया है कि, उसके जरिए साफ तौर पर ‘भाजपा’ लिखा प्रतित होता है.
प्रतिवर्ष समूचे राज्य में खाद की बडे पैमाने पर मांग होती है. इस खाद पर केंद्र सरकार द्बारा काफी बडे पैमाने पर अनुदान भी दिया जाता है. परंतु यह अनुदान प्राप्त करने हेतु खाद कंपनियों को कई तरह के दिशा-निर्देश भी दिए गए है. जिसमें खाद के सभी बोरों पर ‘प्रधानमंत्री भारतीय जनउर्वरक परियोजना’ को बडे अक्षरों में लिखने के निर्देश प्रमुख तौर पर दिए गए है. इसमें ‘भा.ज.प.’ यह तीन अक्षर बराबर एक के नीचे एक आएंगे, ऐसी पद्धति से अंकित किए गए है और इसके बाद सबसे नीचे खाद कंपनी का नाम लिखने का निर्देश दिया गया. इस तरीके से बिना कोई खर्च किए भाजपा द्बारा खाद के बोरों के जरिए आम किसानों तक अपनी पार्टी का नाम यानि ‘भाजपा’ को पहुंचाया जा रहा है. इस जरिए भाजपा ने एक ही समय दो लक्ष्य साध्य कर लिए, जिसके तहत सबसीडी वाली खाद के जरिए किसानों को कम पैसों में खाद देकर खुश किया जा रहा है. वहीं किसानों तक प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा का नाम भी पहुंचाया जा रहा है.

* ‘थंब’ करने के बाद ही सबसीडी
खाद के प्रत्येक बोरे पर सबसीडी देने हेतु किसानों के लिए बायोमैट्रीक पद्धति से अपना थंब (अंगूठा) लगाना अनिवार्य किया गया है. इसके बाद ही खाद कंपनियों को खाद का अनुदान मिलेगा.
– इस नियम पर कडाई से अमल किए जाने के चलते सभी खाद कंपनियों को केंद्र सरकार के निर्देशों का अनिवार्य तौर पर पालन करना पड रहा है. क्योंकि ऐसा नहीं करने वाली कंपनियों को अनुदान नहीं दिया जाएगा.

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