* 60 फीसद मामलों में अपराधियों को सजा
अमरावती/दि.8- जारी वर्ष 2021 के दौरान अमरावती शहर पुलिस आयुक्तालय दोष सिद्धि के मामले में नंबर वन साबित हुआ है. इसमें भी भातकुली, वलगांव, कोतवाली, नागपुरी गेट व गाडगे नगर इन पांच पुलिस थानों में अपराध सिद्धि का प्रमाण काफी अधिक बढ गया है. इस हेतु शहर पुलिस आयुक्तालय की कोर्ट मॉनिटरिंग सेल (सीएमसी) को फ्रंट फूट पर लाया गया है. जिन मामलों को अदालत के समक्ष भेजा जाना है, उनमें आरोपियों को अधिक से अधिक सजा हो, इस हेतु इस सेल को कार्यान्वित किया गया है.
इस संदर्भ में जानकारी देते हुए शहर पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह ने बताया कि, अपराधिक मामलों में लिप्त अपराधियों को अधिक से अधिक सजा हो, साथ ही जिन मामलों में आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत है, उन्हें जुटाकर मामलों की चार्जशीट को न्यायालय में पेश करने तथा मुकदमा दायर होने के बाद गवाह व पंच अपने बयान से ना मुकरे. साथ ही उन्हें सुरक्षा मिले. इस बात को लेकर पूरा ध्यान दिया जा रहा है. जिसके तहत सीएमसी को पूरी तरह से कार्यान्वित किया गया है. जिसके चलते जनवरी से अक्तुबर माह के दौरान जेएमएफसी व सेशन कोर्ट में भेजे गये 1026 मामलों में से 619 मामलों में आरोपियों को सजा प्राप्त हुई है.
* दोष सिद्धि का प्रमाण बढा
शहर आयुक्तालय क्षेत्र अंतर्गत भादवि की धाराओं के तहत बडनेरा थाने में 57, भातकुली थाने में 80, फे्रजरपुरा थाने में 48, गाडगे नगर थाने में 62, कोल्हापुरी गेट थाने में 54, कोतवाली थाने में 64, नागपुरी गेट थाने में 64, नांदगांव थाने में 46, राजापेठ थाने में 54 तथा वलगांव थाने में 71 फीसद मामलों में अदालत द्बारा आरोपियों को सजा सुनाई गई. विगत 10 माह के दौरान आयुक्तालय क्षेत्र अंतर्गत 10 पुलिस थानों में दोष सिद्धि का औसत प्रमाण 60 फीसद है.
* ऐसा है प्रमाण
महिना मामले दोष सिद्धि
जनवरी 129 116
फरवरी 128 88
मार्च 113 72
अप्रैल 15 11
मई 2 1
जून 15 14
* जुए के मामले में सर्वाधिक दोष सिद्धि
जुआ प्रतिबंधात्मक कानून के तहत शहर पुलिस आयुक्तालय में सर्वांधिक दोष सिद्धि का प्रमाण रहा. जुआ अड्डों पर की गई कार्रवाई के दौरान घटनास्थल से बरामद साहित्य और सबूतों के दम पर आरोपियों को सजा दिलाने में आसानी होती है. इसके साथ ही पुलिस द्बारा आरोपियों को सजा दिलाने में विशेष प्रयास किये जाते है.
* लैंगिक प्रताडना मामले में भी दोष सिद्ध बढी
विगत कुछ वर्षों के दौरान लैंगिक प्रताडना व दुराचार जैसे गंभीर मामलों में दोष सिद्धता का प्रमाण काफी हद तक घट गया था. किंतु अब शहर पुलिस आयुक्तालय में अच्छी खासी सफलता प्राप्त की है. जिसके तहत विगत 10 माह के दौरान ऐसे मामलों में दोष सिद्धता का प्रमाण 60 फीसद के आसपास जा पहुुंचा है.