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10 वषार्ें में नहीं हो सका प्रॉपर ड्रेनेज सिस्टम

तीन विभागों में चल रहा पत्र-पत्र का खेल

* मनपा और बी एंड सी झटक रही जिम्मेदारी
* किसी दिन सुपर स्पेशालिटी अस्पताल मेें हो सकता बडा हादसा
अमरावती/दि.13 – विभागीय संदर्भ सेवा अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट सहित बडे ऑपरेशन होते हैं. हृदयरोग संबंधी एनजीओग्राफी और एनजीओ प्लास्टि भी होने लगी है. ऐसे में मरीजों को कई बार ऑक्सीजन देना पडता है. उसके लिए अस्पताल में व्यवस्था हैं. ऑक्सीजन की मात्रा भरपूर है. बस ऑक्सीजन सिलेंडर कक्ष पानी से भर गया है. किसी दिन बडा भयंकर हादसा हो सकता है. दरअसल इतने बडे अस्पताल का ड्रेनेज सिस्टम प्रॉपर नहीं होने से बडी समस्या झेलने की बात स्वयं अस्पताल के अधिकारी और चिकित्सक स्वीकार कर रहे हैं. इस बारे में पडताल करने पर बताया गया कि अस्पताल प्रशासन के बारंबार पत्राचार करने पर भी बी एंड सी तथा महापालिका एक दूसरे पर जिम्मेदारी धकेल रही है, ऐसा अस्पताल के अधिकारियों का कहना है.
* गंदगी और जर्म्स का प्रकोप
प्राणवायु के सिलेंडर जहां रखे हैं. वहां बारिश के दिनों में भी पानी भर जाता है. जिससे गंदगी का साम्राज्य कायम रहने के साथ खतरनाक जर्म्स, मख्खी मच्छर और कीटाणू का प्रकोप रहता हैं. जो वहां के रूग्णों के साथ-साथ चिकित्सकों की भी जान जोखिम में डालता हैं. स्वयं एक सर्जन ने बताया कि हम दस्ताने पहनते हैं. चप्पल जूते बाहर उतारते हैं. अन्य सावधानी बरती जाती है. ताकि रूग्ण को इन्फेक्शन से बचाया जा सके. हमारा सारा प्रयास यहां हो रहे जल भराव से धरा रह जाने का अंदेशा है.
* ड्रेनेज सिस्टम में फाल्ट
सैकडों बेड का मल्टी ऑपरेशन थिएटर वाले सुपर अस्पताल क की इमारत में ड्रेनेज सिस्टम में बडा फाल्ट रह गया है. जिसके कारण यहां जल निकासी नहीं हो पा रही. बगल में ही बी एंड सी की जगह हैं. अस्पताल प्रशासन ने इस जगह से जल निकासी प्रॉपर करने का प्रयत्न किया है. बी एंड सी ने मनपा पर जिम्मेदारी धकेली हैै.
* किया पत्राचार, कोई लाभ नहीं
विभागीय संदर्भ सेवा अस्पताल ने महापालिका और लोनिवि को पत्र लिखकर जल निकासी के लिए चेंंबर तथा नाली प्रॉपर बनाने कहा हैं. इसका कोई जवाब नहीं मिला. मौखिक रूप से दोनों विभाग के अधिकारी हाथ झटकते हैं. अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि पत्राचार के अलावा वे शहर के सभी जनप्रतिनिधियों से भी गुहार लगा चुके हैं. इन जनप्रतिनिधियों ने भी मुद्दा उठाया. मगर यह मुद्दा इतने वर्षो में हल नहीं हो पाया. जिसका खामियाजा रूग्ण और चिकित्सक भुगत रहे हैं.
* 20 मीटर व्यास का चेंबर
अस्पताल प्रशासन ने बताया कि ड्रेनेज प्रॉपर करने जमीन में 20 मीटर व्यास का चेंबर बनाया गया. उसकी भी जल निकासी ढंग से नहीं हो रही हैं. पानी का जमाव रहने से कई तरह की समस्या पेश आ रही हैं.
* बडी दुर्घटना की प्रतीक्षा !
विभागीय संदर्भ सेवा अस्पताल रहने से संभाग के सभी जिलों ंसे यहां गंभीर रूग्ण लाए जाते हैं. बेशक अनेक रूग्ण गंभीर अवस्था में होते हैं. उन्हें प्राणवायु लगाना पड सकता है. इसलिए भरपूर मात्रा में ऑक्सीजन सिलेंडर यहां गैस चेंबर में रखे हैं. वहां से ऑक्सीजन की पाइप लाइन आयसीयू व कमरों, वार्ड तक पहुंचाई गई है. गैस चैंबर में पानी जमा रहने से वैसे तो कोई नुकसान नहीं है. किंतु शार्ट सर्किट या ऐसा ही कोई हादसा होने की आशंका बढ जाती है. शहर और जिले के कुछ अस्पतालों में बडी दुर्घटनाएं हो चुकी है. अमरावती सुपर स्पेशालिटी के मामले में भी कदाचित बडे हादसे का इंतजार हो रहा है.

 

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