अमरावती/दि.13– रुस्तमपुर के जमीन विक्री प्रकरण में मध्यस्थ बने प्रॉपर्टी ब्रोकर मिलिंद खाडे के विरुद्ध धोखेबाजी का अपराध दर्ज किया गया था. उन्हें जिला व सत्र न्यायालय ने जमानत देने से इनकार कर दिया था. उच्च न्यायालय में गुहार लगाई गई. खबर है कि हाइकोर्ट ने खाडे को अग्रिम जमानत मंजूर की है. इस प्रकरण में खाडे की तरफ से एड. यश प्रशांत भेलांडे ने सफल पैरवी की.
जानकारी के अनुसार मौजे रुस्तमपुर में 1 हेक्टेअर 3 आर जमीन बंबई यादव के नाम से थी. ब्रोकर खाडे ने यह जमीन ग्राहक अशोक तायवाडे को दिखाई. तायवाडे को जगह पसंद आ गई और उन्होंने 10 लाख 20 हजार रुपए की इसार चिट्ठी की. व्यवहार के बाद तायवाडे को अपने साथ धोखाधड़ी होने का एहसास हुआ.
उन्होंने गत 20 दिसंबर 2022 को फ्रेजरपुरा थाने में शिकायत दी. संबंधित जमीन के मालिक की मृत्यु हो गई है. उनके नाम से जाली आधारकार्ड बनाकर और किसी शख्स को बंबई यादव बनाकर, बंबई यादव की पत्नी और प्रापर्टी ब्रोकर मिलिंद खाडे के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया. पुलिस ने बनावटी व्यक्ति और मृतक की पत्नी को गिरफ्तार किया.
इधर ब्रोकर खाडे ने जिला व सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत हेतु आवेदन किया. किन्तु न्यायालय ने जमानत नहीं ली. तब उच्च न्यायालय में एड. यश भेलांडे के जरिए याचिका दायर की गई. न्या. उर्मिला जोशी के सामने एड.भेलांडे ने सफल पैरवी की. उच्च न्यायालय ने खाडे को जमानत दे दी.