अमरावतीमहाराष्ट्र

कर्ज की किश्त अदा न करनेवाले जिले के 475 लोगों की संपत्ति होगी जब्त

सरफेसी कानून के मुताबिक आरडीसी देते हैं बैंकों को अनुमति

अमरावती/दि.31– राष्ट्रीयकृत बैंक की तरफ से संपत्ति गिरवी रख कर्ज लिया जाता है, लेकिन कर्ज की किश्त नियमित अदा नहीं की जाती. इस कारण बैंक व्दारा संपत्ति जब्त की जाती है. इसके लिए निवासी उपजिलाधिकारी की मंजूरी आवश्यक है. जिले में 31 मार्च के अंत में ऐसे 475 प्रकरण लंबित है.

ऐसे प्रकरणों में मंजूरी मिलने के बाद बैंकों व्दारा पुलिस बंदोबस्त में जमीन, फ्लैट अथवा प्लॉट पर कब्जा किया जाता है. इस बाबत सरफेसिंग कानून के कारण बैंकों को राहत मिली है. राष्ट्रीयकृत बैंक, सहकारी बैंकों से भारी मात्रा में कर्ज उठाया जाता है, लेकिन उसे वापस लौटाया नहीं जाता. इस कारण बैंकों की एनपीए खातों की संख्या बढती है. ऐसे खातों के कारण बैंक दुविधा में आती है. बार-बार नोटिस देने के बावजूद कर्ज का ब्याज नियमित अदा नहीं होता. पश्चात समझौते के प्रयास बैंक व्दारा किए जाते है. लेकिन इसका भी इस्तेमाल नहीं होता. ऐसी परिस्थिति में बैंकों के पास गिरवी रही संपत्ति जब्त करने के अलावा कोई पर्याय शेष नहीं रहता.

* 475 की संपत्ति की जब्ती लंबित
आरआरसी अंतर्गत जिले की 507 संपत्ति जब्ति के प्रकरण निवासी उपजिलाधिकारी के पास भेजे गए हैं. अभी तक यह प्रकरण लंबित है. इन सभी खातेदारों के पास 9.50 करोड रुपए का राजस्व लंबित रहने की जानकारी जिला प्रशास ने दी है. इन प्रकरणों के मंजूरी क बाद बैंकों व्दारा पुलिस बंदास्त में नइ संपत्तियों की जब्ती की प्रक्रिया की जाती है.

* क्या है सरफेसी कानून
आर्थिक संपत्ति को गिरवी रखना, पुनर्गठन और गिरवी के अधिकार पर अमल कानून 2002 अथवा सरफेसी कानून लागू हुआ है. इस कानून के तहत बकाया कर्ज अदा न करने वालों की संपत्ति की जब्ती कर बैंक उनकी नीलामी करती है. एक तरह से सरफेसी कानून राष्ट्रीयकृत बैंकों के लिए जीवनदान साबित हुआ है.

* जब्ती के लिए प्रलंबित तहसीलनिहाय संपत्ति
तहसील       जब्त संपत्ति की संख्या
अमरावती             162
भातकुली               37
तिवसा                  17
चांदूर रेलवे            01
धामणगांव रेलवे      40
नांदगांव खंडेश्वर     75
मोर्शी                    21
वरुड                    08
अचलपुर               13
चांदुर बाजार          22
दर्यापुर                  55
अंजनगांव              11
धारणी                   13

* कर्ज डूबा तो बैंक दुविधा में
बैंक में खातेदार फिक्स डिपॉजिट रखते हैं. यही रकम खातेदारों को कर्ज के स्वरुप में दी जाती है. कर्ज डूबा तो डिपाफजिटर को पैसे कहा से देना, यह प्रश्न निर्माण होता है. कजे डूब गया तो बैंक दुविधा में आती है. इस कारण कर्ज अदा न करने वालों की संपत्ति पर जब्ती की कार्रवाई की जाती है.

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