फर्जी दस्तावेजों के जरिए हडपी करोडों की जायदाद
आशादेवी बजाज ने पत्रवार्ता में लगाया आरोप
* अधिकारियों की मिलीभगत से दस्तावेजों में हेराफेरी की बात कहीं
अमरावती/दि.19 – स्थानीय कृष्णा नगर गली नं. 1 में रहने वाली आशादेवी मुरलीधर बजाज नामक 62 वर्षीय महिला ने पत्रवार्ता बुलाते हुए आरोप लगाया कि, उनके परिवार की मिल्कियत रहने वाली इतवारा बाजार रोड स्थित बजरंग भवन नामक करोडों रुपए मूल्य वाली इमारत को राजकुमार ढालुमल पहलाजानी तथा 6 अन्य लोगों ने सरकारी अधिकारियों के साथ मिलीभगत करते हुए फर्जी दस्तावेज तैयार कर कौडियों के दामों में बेच डाला और डिजिटल तरीकों का दुरुपयोग करते हुए फर्जी पीआर कार्ड प्राप्त किया गया. जिसकी सघन जांच की जानी चाहिए और इस मामले में उन्हें इन्साफ दिलाया जाना चाहिए.
इस पत्रवार्ता में आशादेवी बजाज ने कहा कि, आरसीएस क्रं. 128/2010, शिट नं. 68 (ए), वार्ड क्रं. 22, संपत्ति क्रं. 1 व प्लॉट क्रं. 26, 27, 28, 29 पर इतवारा बाजार रोड स्थित बजरंग भवन की 3 मंजिला इमारत है. जिसका बाजार मूल्य करोडों रुपयों का है और इस संपत्ति की मिल्कियत को लेकर अदालत के समक्ष सुनवाई भी चल रही है. लेकिन इसके बावजूद भी ढालुमल पहलाजानी के वारिसदार रहने वाले राजकुमार ढालुमल पहलाजानी, पूजा महेश मोटवानी, निर्मला ठाकुरदास भटेजा, रमेश ढालुमल पहलाजानी, हरिश ढालुमल पहलाजानी, मनोहर ढालुमल पहलाजानी तथा वासुदेव ढालुमल पहलाजानी ने यह संपत्ति हिमांशु अजितकुमार वेद को बेच डाली और इन सभी लोगों ने इस विवादित संपत्ति के संदर्भ में मनपा की ओर से जारी आदेशों को छिपाकर आसिफ अब्दुल जब्बार व अमीत मोतीवाला के जरिए सरकारी अधिकारियों के साथ मिलीभगत करते हुए इस संपत्ति की खरीदी-विक्री के व्यवहार को पूर्ण किया.
आशादेवी बजाज ने आरोप लगाया कि, किसी भी पीआर कार्ड में संपत्ति धारक का पूरा नाम दर्ज करना जरुरी होता है. लेकिन फर्जी तरीके से हासिल किये गये इस पीआर कार्ड में एक संपत्ति धारक के नाम का उल्लेख केवल ‘एच’ इस अंग्रेजी अक्षर के तौर पर किया गया, जो कि, हकीकत में हिमांशु अजितकुमार वेद का नाम है. इसी तरह ढालुमल रुचंदमल पहलाजानी के नाम को एक जगह पर ढालुमल सचंदमल पहलाजानी और एक जगह पर थालुमाल पहाल्जागी लिखा गया है. साथ ही एक स्थान पर थालुमाल पहाल्जनी नाम का उल्लेख किया गया है. इसके अलावा इस पीआर कार्ड में मौजा गांवठाण व प्रगणे का कोई उल्लेख नहीं है. साथ ही संपत्ति देखने वालों के हस्ताक्षर और भूमि अभिलेख उपाध्यक्षक के हस्ताक्षर भी नहीं है. इच पीआर कार्ड में पुराने संपत्ति धारकों के कर्जबोझ को कम करते हुए नये संपत्ति धारक के कर्जबोझ को दर्शाया गया है. इस तरह से यह पूरा व्यवहार फर्जीवाडे के जरिए अंजाम दिया गया है. इस पत्रवार्ता में बजरंग भवन की इमारत की खरीदी-विक्री से संबंधित दस्तावेजों को प्रस्तुत करते हुए आशादेवी बजाज ने बताया कि, उन्होंने इस बारे में 14 अक्तूबर को अमरावती शहर पुलिस आयुक्त को सौंपी गई, अपनी शिकायत में स्पष्ट तौर पर कहा है कि, इस पूरे फर्जीवाडे को अंजाम देने हेतु भूमि अभिलेख उपाध्यक्षक सारिका कडू और फुलझेले साहब तथा कलेक्टर राहुल रंजन महिवाल व पवनीत कौर सहित अमरावती मनपा के आयुक्त व अन्य लोगों को भारी भरकम रिश्वत दी गई. इसकी वजह से 3 अक्तूबर को शाम 6.10 बजे सरकारी कार्यालय के कामकाज का समय समाप्त होने के बाद कपटपूर्व फर्जी तरीके से फर्जी पीआर कार्ड तैयार किया गया. अत: इस पूरे मामले की सघनता के साथ जांच की जानी चाहिए.
* पूरी तरह से गलत है आरोप, सुप्रीम कोर्ट में स्क्वैश हुआ है मामला
– हिमांशु वेद की पत्नी कुंजन वेद ने दिया स्पष्टीकरण
बता दें कि, कोविड संक्रमण काल के समय ऑक्सिजन मैन के रुप में विख्यात हुए हिमांशु अजितकुमार वेद का विगत 4 अक्तूबर को ही आकस्मित निधन को चुका है. ऐसे में आशादेवी बजाज नामक महिला द्बारा उन पर लगाए गए आरोपों को लेकर प्रतिक्रिया व जानकारी हेतु दै. अमरावती मंडल ने स्व. हिमांश्ाु वेद की पत्नी कुंजन वेद से संपर्क किया, तो कुंंजन वेद ने बताया कि, उक्त संपत्ति आशादेवी बजाज या उनके परिवार की कभी नहीं थी, बल्कि आशादेवी बजाज उस इमारत में किसी समय केवल किराएदार थी. उक्त संपत्ति पहलाजानी परिवार की मिल्कियत थी. जिसे सभी नियमों का पालन करते हुए और आवश्यक मुद्रांक शुल्क भरकर हिमांशु वेद द्बारा खरीदा गया था. वहीं आशादेवी बजाज द्बारा हर दो-चार महीने मेें इस खरीदी-विक्री के व्यवहार को लेकर हमेशा ही बखेडा खडा किया जाता रहा और यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा. जहां पर आशादेवी बजाज की ओर से दायर मामले को सुप्रीम कोर्ट में स्क्वैश यानि रद्द व खारिज कर दिया था. ऐसे में अब आशादेवी बजाज द्बारा लगाए जाने वाली सभी आरोप पूरी तरह से बेतुके व तत्थहिन है.
इसके साथ ही कुंजन वेद ने यह भी कहा कि, चूंकि आशादेवी बजाज द्बारा लगाए गए आरोपों की वजह से उनके दिवंगत पति हिमांशु वेद की बदनामी हुई. अत: वे इस संदर्भ में जल्द ही अपने वकीलों की सलाह लेकर कानूनी कदम उठाएंगी.