संपत्ति खरीदी-विक्री कार्यालय में नहीं होगी बत्तीगुल
आधार लिंक की शर्त से सभी बेजार-2
* सर्वर सुचारु करने विशेष व्यवस्था
अमरावती/दि.8 – संपत्ति खरीदी-विक्री कार्यालय में दशहरा और दिवाली का सीजन होने से दस्त की संख्या बढने के बीच आधार कार्ड लिंक की शर्त ने सभी को परेशान कर रखा था. सर्वर डाउन होने की भी शिकायत रहती है. जिसके कारण खरीदी-विक्री के दस्तावेज का पंजीयन करने आये लोगों को घंटों इंतजार करना पडता. अमरावती मंडल में शुक्रवार को समाचार प्रकाशित होने के पश्चात इस बारे में अमरावती के उपनिंबधक पी. वी. खंडेराय ने बताया कि, संचालनालय के पुणे स्थित मुख्यालय से अमरावती के तीनों कार्यालय हेतु इर्न्व्हटर-बैटरी की व्यवस्था की जा रही है. इस बारे में पुणे ऑफिस से पत्राचार किया गया था. दिवाली से पहले कार्यालय में इर्न्व्हटर स्थापित हो जाएंगे और अब यहां बत्तीगुल की समस्यां नहीं रहेगी. उन्होंने मान्य किया कि, बत्तीगुल होने और सर्वर डाउन रहने से अनेक बार दस्त का काम रुक जाता एवं यहां आये खरीददार और बेचवाल को परेशानी होती.
* आधार कार्ड रखें अपडेट
उन्होंने अमरावती मंडल को बताया कि, पुणे संचालनालय से आधार लिंक की शर्त को अमल में लाना शुरु किया है. जिससे थोडी बहुत दिक्कत और देर होती थी. अब सर्वर लगभग सुचारु रहने से पखवाडे भर से कोई दिक्कत नहीं है. खंडेराय ने लोगों से आधार कार्ड अपडेट रखने की भी अपील की. उन्होंने यह भी बताया कि, लोग आधार अपडेट कर ले, तो उन्हें सुविधा होगी. दस्त पंजीयन आधार अपडेट रहने पर कुछ ही मीनटों में हो जाने का दावा भी खंडेराय ने किया.
* जनरेटर नहीं, काम अटकता था
उपनिबंधक खंडेराय ने अमरावती मंडल से बातचीत में कबूल किया कि, बारिश के दिनों में बत्तीगुल हो जाती है. जिसके कारण यहां काम रुक जाता है. जनरेटर की व्यवस्था नहीं रहने से काम अटकता था, अब इर्न्व्हटर की व्यवस्था हो रही है. पुणे कार्यालय से पत्राचार किया गया था. वह फलीभूत हुआ. शीघ्र ही इर्न्व्हटर लग जाने से काम और तेजी से होगा. अब तक ऐसा नजारा था कि, खरीदी-विक्री दस्त का पंजीयन कराने कार्यालय में बडी संख्या में महिलाएं भी आती है. उनके हाथों के अंगूलियों के निशान कई बार मैच नहीं हो पाते. जिसके कारण विविध युक्ति अपनाई जाती है.
* बोगस काम रोकने आधार लिंक की शर्त
इस बीच अमरावती मंडल के संवाददाता को उपनिंबधक कार्यालय में मौजूद ब्रोकर और अन्य सूत्रों ने बताया कि, प्रॉपर्टी कागजात और खरीदी-विक्री के पंजीयन हेतु आधार कार्ड अनिवार्य करना दरअसल बोगस काम को रोकने के लिए उठाया गया कदम है. यह भी बताया गया कि, लोगों के संपत्ति खरीदी-विक्री में बडे प्रमाण में जालसाजी होने के आरोप लगते और फौजदारी केसेस भी दायर होने का सिलसिला बढ गया था. कई बार अधिकारी भी लपेटे में आते और उन पर अपराध दर्ज होेने की आशंका से आधार कार्ड लिंक की शर्त का अधिकांश लोग समर्थन कर रहे है. इससे बोगस कामकाज पर सौदेबाजी पर रोक लगने की उम्मीद जताई गई.