संपत्ति कर वसूली ठप, मनपा आर्थिक संकट में
नागरिकों के पास घर टैक्स के बिल नहीं पहुंचे
अमरावती/दि.16– पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष संपत्ति कर से दोगुनी से अधिक आय अपेक्षित रहते अब तक नागरिकों के घर तक बिल न पहुंचने से संपत्ति कर वसूली ठप पडी हैं. मनपा के आर्थिक आय का प्रमुख स्त्रोत संपत्ति कर रहने से मनपा की आर्थिक स्थिति काफी बिगड गई हैं.
पिछले वर्ष संपत्ति कर से 61.99 करोड रुपए की आय अपेक्षित थी. 16 मार्च तक करीबन 65 करोड रुपए यानी 57 प्रतिशत कर वसूली हुई भी. इस दौरान मनपा कर्मचारियों की हडताल के कारण कर वसूली की रफ्तार कम हो गई. फिर भी मनपा की तिजोरी में 50 करोड रुपए जमा हो गए थे. लेकिन इस बार की स्थिति काफी अलग हैं. मनपा क्षेत्र की संपत्ति का सर्वेक्षण और कर मूल्यांकन हुआ हैं. लेकिन अभी तक संपत्ति धारको को घर टैक्स के बिल भेजे नहीं गए हैं. मनपा के नए सर्वेक्षण में 3 लाख 10 हजार संपत्ति पाई गई हैं. करीबन 150 करोड रुपए की आय इससे अपेक्षित हैं.
2005-06 से मनपा क्षेत्र की संपत्ति का सर्वेक्षण व कर मूल्यांकन नहीं किया गया था. वह वर्ष 2023 में पूरा किया गया. सर्वेक्षण के बाद किए गए कर निर्धारण में कर वृद्धि होने की बात स्पष्ट हुई हैं. यह कर वृद्धि पुराने टैक्स की तुलना में ढाई से तीन गुना अधिक होने से आम नागरिकों में तीव्र असंतोष निर्माण होग या. कुछ राजनीतिक दलो ने मनपा प्रशासन के विरोध में तीव्र रोष व्यक्त करते हुए आंदोलन भी किए. लेकिन फिर भी मनपा प्रशासन व राज्य शासन ने कोई पहल नहीं की. कर निश्चित करने के नियमों के प्रावधान के आधार पर कर वृद्धि किए जाने का दावा प्रशासन ने किया हैं. इस कारण करदाताओं को कोई राहत नहीं मिलनेवाली हैं और उन्हें बढाए गए टैक्स के मुताबिक ही रकम अदा करनी पडेगी.
मनपा के 2024-25 का वित्तीय वर्ष का बजट तैयार किया जा रहा हैं. इस बजट में संपत्ति कर से मिलनेवाली आय का उल्लेख रहने वाला हैं. मनपा की आय का संपत्ति कर ही प्रमुख स्त्रोत रहने से और इस टैक्स में अधिक बढोत्तरी मिलनेवाली रहने से प्रशासन की चिंता भले ही मिटी हो फिर भी करदाताओं का विरोध अभी भी जारी हैं. सभी नागरिको को करवृद्धि बाबत नोटिस भेजी गई और प्राप्त हुई आपत्ति पर सुनवाई भी पूर्ण हो गई. लेकिन इस सुनवाई में किसी भी आपत्ति कर्ता को राहत नहीं मिली हैं.
* इस कारण वसूली की तरफ अनदेखी
आगामी एक सप्ताह में घर टैक्स के बिल भेजे जाने की जानकारी कर विभाग द्वारा भले ही दी गई हो फिर भी लोकसभा चुनाव होने तक यह बिल न भेजने की सूचना मंत्रालय स्तर से दी गई रहने की जानकारी हैं. लोगो में कर वृद्धि के कारण असंतोष निर्माण न होने के लिए फिलहाल वसूली की तरफ जानबुझकर अनदेखी की जा रही हैैं, ऐसी चर्चा हैं.