
* डीसीपी में पूर्व पालकमंत्री पोटे ने उठाया मामला
अमरावती/दि.7- अमरावती महानगरपालिका के आयुक्त व प्रशासक प्रवीण आष्टीकर ने मनपा की आय को बढाने हेतु मनपा क्षेत्र में रहनेवाली संपत्तियों पर लगाये जानेवाले संपत्ति कर की दरों को बढाने का निर्णय लिया था. जिसके तहत संपत्ति कर की दरों में 40 फीसद की वृध्दि की गई थी. जिसका हर स्तर पर विरोध किया जा रहा था. साथ ही यह मुद्दा आज जिला नियोजन समिती की बैठक में भी जमकर गूंजा, जब पूर्व जिला पालकमंत्री व विधायक प्रवीण पोटे पाटील ने उपमुख्यमंत्री और अमरावती के जिला पालकमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सामने यह मुद्दा उठाया और संपत्ति कर की दरों में की गई वृध्दि को वापिस लिये जाने की मांग उठाई. जिसे डेप्यूटी सीएम व पालकमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्वीकार किया. ऐसे में अब अमरावती मनपा क्षेत्र में लागू की गई संपत्ति कर की दरवृध्दि स्थगित हो गई है और अब पुरानी दरों से ही संपत्ति धारकों को संपत्ति कर अदा करना होगा.
बता दें कि, इससे पहले मनपा का सदन अस्तित्व में रहते समय तत्कालीन सत्ता पक्ष भाजपा द्वारा विगत वर्ष संपत्ति कर की दरों को बढाये जाने हेतु सभा में पेश किये गये प्रस्ताव को रद्दबातल कर दिया गया था. पश्चात इस प्रस्ताव को विखंडन हेतु सरकार के पास भेजने की बात कही गई. परंतु इसी दौरान जारी वर्ष के मार्च माह में मनपा के सदन का कार्यकाल खत्म हो गया और मनपा में प्रशासक राज शुरू हुआ. जिसके तहत मनपा आयुक्त प्रवीण आष्टीकर को प्रशासक के तौर पर जिम्मा सौंपा गया. पश्चात आयुक्त आष्टीकर ने संपत्ति कर वृध्दि के प्रस्ताव को विखंडन हेतु भेजने की बजाय अपने स्तर पर फैसला लेते हुए संपत्ति कर की दरों में 40 फीसद की वृध्दि करने का निर्णय लिया. साथ ही नई दरों के अनुसार संपत्ति धारकों को नोटीस जारी करते हुए उनसे वृध्दिंगत दरों के अनुसार कर की वसूली करनी भी शुरू की गई. जिसका सभी राजनीतिक दलों द्वारा विरोध किया जाने लगा. ऐसे में जिला पालकमंत्री के तौर पर पहली बार डीसीपी की बैठक में हिस्सा लेने हेतु पधारे उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सामने पूर्व पालकमंत्री व विधायक प्रवीण पोटे पाटील ने संपत्ति कर की दरवृध्दि का मामला उठाया और इस दरवृध्दि को अन्यायकारक बताते हुए इसे तत्काल वापिस लिये जाने की मांग की. जिसे ‘ऑन द स्पॉट’ स्वीकार करते हुए डेप्यूटी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने मंजूर किया. ऐसे में मनपा प्रशासन द्वारा की गई संपत्ति कर दरवृध्दि स्थगित हो गई है.