अमरावती

सात लोगों के ‘डीई’ का प्रस्ताव आमसभा में

शौचालय घोटाला मामले में कार्रवाई

  • आयुक्त की मान्यता ली जायेगी, उपायुक्त ने दी जानकारी

अमरावती/दि.8 – मनपा के झोन क्रमांक 4 अंतर्गत बडनेरा प्रभाग के 2.33 करोड रूपये के निजी शौचालय घोटाला मामले में फर्जी बिलों की फाईल पर हस्ताक्षर करनेवाले 11 अधिकारियों व कर्मचारियों की विभागीय जांच शुरू की जानेवाली है. जिसमें 4 अधिकारी राज्य सरकार की सेवा में रहने के चलते संबंधीत विभागों को इसकी सूचना दी जायेगी. वहीं मनपा की आस्थापनावाले 7 अधिकारियोें व कर्मचारियों पर आयुक्त की मान्यता के बाद आगामी आमसभा में प्रस्ताव पेश किया जायेगा. इस आशय की जानकारी जांच समिती के प्रमुख तथा उपायुक्त सुरेश पाटील ने दी है.
बता देें कि, निजी शौचालय घोटाला मामले में 1 हजार 543 लाभार्थियों के घर में शौचालय निर्माण करने के संदर्भ में 2 करोड 59 लाख 27 हजार रूपये की 18 फाईले दाखिल की गई थी. जिसमें से केवल फाईल क्रमांक 1, 10, 76, 77 व 78 इन पांच फाईलों पर ही प्रशासकीय कार्य पध्दति का अवलंब हुआ. वहीं अन्य 13 फाईलों का प्रस्तुतिकरण फर्जी पाया गया. जिसमें 1 हजार 372 लाभार्थियों को 2 करोड 33 लाख 24 हजार रूपये के बिल प्रदान किये गये. इस मामले में तत्कालीन सहायक आयुक्तों सहित वैद्यकीय स्वास्थ्य निरीक्षक द्वारा यदि संयुक्त बैठक आयोजीत कर व्यक्तिगत शौचालय के निर्माण संदर्भ में अद्यावत जानकारी ली जाती, और उसे समय-समय पर पोर्टल पर दर्ज किया जाता, तो शायद समय रहते ही इस घोटाले पर लगाम लगायी जा सकती थी. ऐसा जांच समिती द्वारा अपनी रिपोर्ट में कहा गया है.

चार अधिकारी है राज्य सेवा के

इस मामले में तत्कालीन सहायक आयुक्त सोनाली यादव तथा प्रशांत शेलके ये दो अधिकारी राज्य सरकार के नगर विकास विभाग अंतर्गत नियुक्त है. वहीं तत्कालीन मुख्य लेखाधिकारी प्रेमदास राठोड एवं मुख्य लेखा परीक्षक राज्य सरकार के वित्त विभाग अंतर्गत आते है. ऐसे में इन अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच हेतु संबंधित विभागों से सिफारिश की जायेगी. ऐसा उपायुक्त द्वारा बताया गया है.

इन अधिकारियोें का प्रस्ताव जायेगा आयुक्त के पास

मनपा की आस्थापना पर रहनेवाले स्वास्थ्य निरीक्षक एम. के. उसरे, वरिष्ठ स्वास्थ्य निरीक्षक ढिक्याव, तत्कालीन सहायक आयुक्त झोन क्रमांक 4 श्रीकांत चव्हाण, तत्कालीन वैद्यकीय स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सीमा नेताम, वैद्यकीय स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विशाल काले, तत्कालीन सहायक आयुक्त (मुख्यालय) योगेश पीठे व तत्कालीन सहायक आयुक्त नरेंद्र वानखडे की विभागीय जांच का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. जिसे निगमायुक्त द्वारा अंतिम मान्यता दी जायेगी. पश्चात यह प्रस्ताव आमसभा के समक्ष रखा जायेगा.

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