अमरावती

बिलकीस मामले में अपराधियों को छोडना हिंदुत्व की बदनामी

विधानसभा में यशोमती ठाकुर ने उठाया मुद्दा

राजनीति का दर्जा बढाने की बात कही
अमरावती-/ दि.26  विधानमंडल के मानसून सत्र में अंतिम सप्ताह के प्रस्ताव पर पूर्व पालकमंत्री व तिवसा की कांग्रेस विधायक एड. यशोमति ठाकुर जमकर गरजी. उन्होंने कहा कि, राज्य में सत्ता संघर्ष के कारण गिरता राजनीति का दर्जा बढ़ाने की जिम्मेदारी सभी जनप्रतिनिधि की है. फिर सत्ता किसी की भी हो. बिलकिस बानो प्रकरण में गुजरात सरकार द्वारा आरोपियों को मुक्त करना और बाद में उनका सार्वजनिक तौर पर स्वागत करना हिंदुत्व की बदनामी है.
बुधवार को विधानमंडल की सीढ़ियों पर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच हुए महासंग्राम पर भी यशोमति ने तंज कसा. राज्य में कानून व्यवस्था दिनोंदिन बिगड़ती जा रही है. जिस समय नई सरकार में केवल 2 मंत्री महाराष्ट्र में कार्यरत थे. तब से राज्य में महिला अत्याचार व अपराधों में जबरदस्त बढ़ोतरी हो रही है. हिंदुत्व की रक्षा के लिए सत्ता में आने का दावा करने वाली सरकार के राज में महिलाओं पर अत्याचार बढ़ रहे हैं. गुजरात सरकार द्वारा बिलकिस बानो प्रकरण में आरोपियों को मुक्त करना और उनका सार्वजनिक रूप में स्वागत करना हिंदुत्व की बदनामी हैं. विधानमंडल में उन्होंने धाराप्रवाह बोलते हुए कहा कि, कांग्रेस पार्टी ने हमें संयम सिखाना है। सोनिया गांधी ने हमें सर्वधर्म समभाव की सीख दी है.
महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण के दावे करने वाली सरकार के कार्यकाल में स भंडारा-गोंदिया पुलिस स्टेशन में बलात्कार पीड़ित महिला कोसंरक्षण नहीं मिल पाना बड़ी शोकांतिका है. बलात्कार पीड़ित व पोस्को पीड़ित महिला व बच्चियों के लिए मनोधैर्य योजना केवल मुंबई तक सीमित है. महाराष्ट्र के अन्य भागों विशेषतः ग्रामीण क्षेत्रों में मनोधैर्य योजना पर कोई अमल नहीं होता. इस योजना के अंतर्गत पीड़ित महिला को 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का प्रावधान है. राज्य की तत्कालीन महिला व बाल विकास मंत्री यशोमति ठाकुर ने कहा कि महाराष्ट्र में महिलाओं की सुरक्षा के लिए वूमन्स सेफ्टी ऑडिट अत्यंत जरूरी है. जब तक गृह मंत्रालय और महिला व बालविकास मंत्रालय समन्वय के साथ काम नहीं करता तब तक राज्य में महिलाओं पर अत्याचार पर प्रतिबंध लगा पाना संभव नहीं है. एक तरफ हम शक्ति कानून को कार्यान्वित कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर भंडारा में बार-बार बलात्कार की नरकीय यातनाएं झेल चुक महिला को पुलिस स्टेशन में एक कप चाय तक नहीं पिला पाये जबकि महाराष्ट्र के प्रत्येक पुलिस स्टेशन में महिला समुपदेशन केंद्र है, महिला सुरक्षा कक्ष हैं.
विधानमंडल में अपने अभ्यासपूर्ण वक्तव्य में पूर्व मंत्री एड यशोमति ठाकुर ने कहा कि, मैं 4 वर्ष की आयु से इस विधानमंडल के सभागृह में आ रही हूं. मैंने आज तक इस विधानमंडल की गरिमा को इतनी बुरी तरह चोट पहुंचते कभी नहीं देखा. विपक्ष पर इस तरह का हमला आज तक कभी नहीं हुआ. राजनीति का दर्जा इतना गिरना नहीं चाहिए, राजनीतिक करियर की गरिमा हम सभी नहीं रख पा रहे हैं तो अधिकारी यह गरिमा कैसे रखेंगे. यह सवाल उपस्थित होता है. भले ही आज किसी दूसरी पार्टी में होंगे, लेकिन राजनीति में दुश्मनी इस ओहदे के साथ करो कि जब दोस्त बनकर मिलें तो शर्मिंदा ना होना पड़े, लेकिन आज शर्मिंदा होना पड़ रहा है. अधिकारियों के भरोसे यह सिस्टम नहीं चल सकता. इसीलिए भारतरत्न डॉ. बाबासाहब आंबेडकर ने संविधान दिया है. जिसका कड़ाई से पालन करना अत्यावश्यक है. मैंने संविधान को बारीकी से पढ़ा है. संविधान में 10वीं सूची से छेड़छाड़ करते हुए संविधान बदलने का षडयंत्र शुरू रहने का सनसनीखेज आरोप भी इस समय यशोमति ठाकुर ने किया. कुछ अधिकारी बदमाशी कर जनप्रतिनिधियों को फंसाने का प्रयास कर रहे हैं. टीईटी घोटाले में हुई धांधली बाहर आना चाहिए. ऐसी मांग भी यशोमति ने विधानमंडल में की.

सत्ता के सहयोगी कह रहे हैं गद्दार
विधायक रवि राणा का नाम लिए बगैर पूर्व पालकमंत्री एड. यशोमति ठाकुर ने विधानमंडल में कहा कि, सत्ता के सहयोगी और तुम्हारे साथ बैठने वाले ही गद्दार शब्द का प्रयोग कर रहे हैं. इस समय उन्होंने बच्चू कडू का जिक्र करते हुए कहा कि, मंगलवार को उनके निर्वाचन क्षेत्र में एक जनप्रतिनिधि ने सार्वजनिक तौर पर पैसे लेकर गुवाहाटी जाने का आरोप लगाया. हमने नहीं कही यह बात.

Related Articles

Back to top button