* खुद विद्युत कर्मी भी स्मार्ट मीटर के खिलाफ
अमरावती/दि.1 – महावितरण द्वारा अमरावती शहर में प्री-पेड स्मार्ट मीटर लगाने की शुरुआत कर दी गई है. फिलहाल यह मीटर विद्युत भवन उपकेंद्र से निकलने वाले फीडर पर लगाया गया है. वहीं जल्द ही प्रत्येक ग्राहक के घर पर स्मार्ट मीटर लगाया जाएगा एवं प्रत्येक विद्युत ग्राहक हेतु यही मीटर अनिवार्य रहेगा, ऐसे में यदि किसी की जेब में रिचार्ज कराने हेतु पैसे होंगे, तो ही उसके घर में रोशनी रहेगी. अन्यथा रिचार्ज खत्म होते ही बत्तीगुल हो जाएगी. इस बात को देखते ही महावितरण द्वारा लिये गये इस फैसले के खिलाफ शहर में आवाज उठनी शुरु हो गई है तथा नागरी संघर्ष समिति तैयार की गई है, जिसे एमएसई वर्कर्स फेडरेशन का भी समर्थन मिल रहा है और इस समिति द्वारा 6 जून को विदर्भ के सभी जिलों में आंदोलन किया जाना है.
बिजली की मांग तथा नये बिजली कनेक्शन की संख्या में बडे पैमाने पर वृद्धि होने के चलते ग्राहकों को गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति करने एवं विद्युत व्यवस्था को सशक्त करने हेतु आधुनिक तंत्रज्ञान का अवलंब करते हुए बिजली के खर्च पर नियंत्रित रखने का अधिकार ग्राहकों को देने हेतु स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगाये जाने की जानकारी महावितरण द्वारा दी गई है. महावितरण के मुताबिक सभी विद्युत उपभोक्ताओं के लिए यह स्मार्ट मीटर अनिवार्य किया गया है तथा यह मीटर पूरी तरह से नि:शुल्क तौर पर लगाया जाएगा. जिसके तहत अमरावती परिमंडल अंतर्गत अमरावती शहर में स्मार्ट मीटर लगाये जाने की शुरुआत हो गई है और 11 केवी विद्युतवाहिनी एवं बिजली ट्रान्सफार्मर पर भी यह स्मार्ट मीटर लगाया जाना है. जिसकी शुरुआत विद्युत भवन उपकेंद्र से निकलने वाले 11 केवी फीडर पर स्मार्ट मीटर लगाकर किया गया. वहीं अब जल्द ही प्रत्येक विद्युत उपभोक्ता के घर दुकान व कारखाने तक स्मार्ट मीटर पहुंच जाएगा.
* जेब में पैसा, तो घर में रोशनी
स्मार्ट मीटर को लेकर लोगों में कई तरह के संदेह है. बिजली का उपयोग करने से पहले ही ग्राहकों को बिजली के लिए अग्रीम भुगतान करना होगा. जिसके चलते इस योजना का जमकर विरोध किया जा रहा है और कहा जा रहा है कि, अगर किसी व्यक्ति के पास रिचार्ज करवाने के लिए समय पर पैसे नहीं रहे, तो उसकी बिजली कट जाएगी और पैसेवालों के घर पर ही उजाला रहेगा. इस बात को ध्यान में रखते हुए कई राजनीतिक दलों व संगठनों ने एकसाथ आते हुए प्री-पेड स्मार्ट मीटर विरोधी नागरी कृति समिति का गठन किया और इस समिति की अगुवाई में आगामी 6 जून को अमरावती शहर व जिले सहित समूचे विदर्भ क्षेत्र में आंदोलन करने का निर्णय लिया गया. साथ ही साथ प्री-पेड मीटर के खिलाफ अदालत में कानूनी लडाई लडने का भी निर्णय लिया गया है.
* प्री-पेड स्मार्ट मीटर ग्राहकों के साथ साफ तौर पर जालसाजी करने वाली योजना है. जिससे कुछ कंपनियों को फायदा पहुंचेगा. अगर ग्राहकों के साथ पैसे रहेंगे, तो ही उन्हें बिजली मिलेगी और गरीब लोग बिजली से वंचित रहेंगे. ऐसे में इस योजना का पूरजोर विरोध करना जरुरी है.
– अमोल काकडे,
सर्कल सचिव,
एमएसई वर्कर्स फेडरेशन
* पहले पोस्ट पेड, फिर प्री-पेड
महावितरण से मिली जानकारी के मुताबिक शुरुआती दौर में स्मार्ट मीटर पोस्ट पेड रहेंगे, जिसे आगे चलकर प्री-पेड मीटर में तब्दील किया जाएगा. इस समय स्मार्ट मीटर, गेट वे व डाटा सेंटर की जानकारी का आदान-प्रदान करने की प्रक्रिया की परीक्षण होने के बाद अमरावती शहर सहित जिले के ग्रामीण इलाकों में विद्युत ग्राहकों के यहां नये स्मार्ट मीटर लगाये जाने वाले है. यह काम पूरा होने के बाद महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोग द्वारा निश्चित की गई बिजली की दरों के अनुसार ही शुरुआती दौर में पोस्ट पेड तरीके से और फिर प्री-पेड तरीके से बिजली हेतु भुगतान वसूला जाएगा.
* अपनी जरुरत के हिसाब से रिचार्ज की सुविधा
महावितरण द्वारा दी गई जानकारी में मुताबिक हर व्यक्ति को अपने घर व प्रतिष्ठान अथवा कारखाने की बिजली संबंधित जरुरत पता होता है. ऐसे में कितनी बिजली का प्रयोग करना है और बिजली के प्रयोग पर कितना खर्च करना है, इसका नियोजन हर कोई कर सकता है और उसी हिसाब से मोबाइल रिचार्ज की तरह बिजली का भी प्री-पेड रिचार्ज करवा सकता है. इस बात को ध्यान में रखते हुए महावितरण द्वारा यह प्री-पेड योजना अमल में लायी जा रही है. जिससे बिजली की अनावश्यक बर्बादी को रोकते हुए ग्राहकों की आर्थिक बचत होना भी संभव रहेगा.
* एसएमएस की जरिए मिलेगी सूचना
मोबाइल की तरह ही स्मार्ट प्री-पेड मीटर पर रिचार्ज करने की सुविधा ग्राहकों को घर बैठे ऑनलाइन उपलब्ध होगी. स्मार्ट मीटर की बिजली का जमा खर्च प्रत्येक स्मार्ट ग्राहक हेतु एप के जरिए दैनंदिन स्वरुप में उपलब्ध रहेगा. रिचार्ज करने के बाद तथ रिचार्ज की रकम खत्म होने से पहले एप पर एवं पंजीकृत मोबाइल पर एसएमएस के जरिए सूचना मिलेगी, ऐसी जानकारी भी महावितरण द्वारा दी गई है.