अमरावती

आरोप साबित करें, या माफी मांगे निवेदिता चौधरी

सुपर स्पेशालीटी के डॉक्टरों व मेडिकल स्टॉफ ने उठायी मांग

  • सीएस डॉ. निकम पर लगे आरोपों को बताया बेबुनियाद

  • निकम के समर्थन में ली पत्रकार परिषद

अमरावती/दि.24 – विगत दिनों भारतीय जनता पार्टी की ग्रामीण जिलाध्यक्ष निवेदिता चौधरी दिघडे ने एक प्रेस विज्ञप्ती जारी कर जिला शल्य चिकित्सक डॉ. श्यामसुंदर निकम पर वर्ष 2013 से अब तक 100 करोड रूपयों का घोटाला करने तथा कोविड संक्रमण काल के दौरान रेमडेसिवर इंजेक्शन सहित अन्य दवाईयों व वैद्यकीय साहित्य मे 12 करोड रूपयों की गडबडी करने का आरोप लगाया था. जिसके बाद सुपर स्पेशालीटी अस्पताल के डॉक्टरों व मेडिकल स्टाफ ने सीएस डॉ. निकम के समर्थन में आगे आते हुए एक पत्रवार्ता बुलायी. जिसमें निवेदिता चौधरी द्वारा लगाये गये आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए मांग की गई कि, या तो निवेदिता चौधरी अपने द्वारा लगाये गये आरोपों के सबूत पेश करें, या फिर सीएस निकम पर बेसिरपैर के आरोप लगाने हेतु सार्वजनिक तौर पर माफी मांगे.
सुपर स्पेशालीटी अस्पताल के सभागार में बुलायी गयी इस पत्रकार परिषद को डॉ. रवि भूषण, डॉ. रूपेश खडसे, डॉ. निलेश पाटील तथा नर्स वर्षा पागोटे व ललीता अटालकर द्वारा संबोधित किया गया. इस समय सुपर कोविड अस्पताल के व्यवस्थापक डॉ. रूपेश खडसे ने स्पष्ट तौर पर चेतावनी दी कि, निवेदिता चौधरी द्वारा दो दिनों के भीतर यदि सबूत पेश नहीं किये जाते और माफी भी नहीं मांगी जाती है, तो उनके खिलाफ मानहानी का मामला दर्ज कराया जायेगा. साथ ही इस पत्रकार परिषद में कहा गया कि, निवेदिता चौधरी द्वारा लगाये गये आरोपों की वजह से स्वास्थ्य महकमे का मनोबल टूटा है. हम लोग विगत 14-15 माह से पूरे समर्पित भाव के साथ अपनी जान को जोखिम में डालकर कोविड संक्रमित मरीजों का इलाज और देखभाल कर रहे है. इसके बावजूद यदि इस तरह के आरोप लगाये जाते है, तो फिर काम करने का कोई फायदा ही नहीं है. ऐसे में अगर निवेदिता चौधरी अपने द्वारा लगाये गये आरोपों के लिए माफी नहीं मांगती है, तो सुपर स्पेशालीटी व सुपर कोविड अस्पताल के डॉक्टरों व मेडिकल स्टाफ द्वारा काम बंद आंदोलन करने पर भी विचार किया जा सकता है.
इस पत्रकार परिषद में कहा गया है कि, भाजपा जिलाध्यक्ष निवेदिता चौधरी ने सीएस डॉ. निकम पर वर्ष 2013 से घोटालों में लिप्त रहने का आरोप लगाया है. इस दौरान वर्ष 2014 से 2019 तक राज्य में खुद भाजपा की सरकार रही और भाजपा सरकार के कार्यकाल दौरान ही डॉ. निकम को सीएस बनाया गया. उस समय निवेदिता चौधरी शायद नींद में थी. साथ ही यह भी कहा गया कि, निवेदिता चौधरी द्वारा अपने राजनीतिक स्वार्थ के चलते सीएस डॉ. निकम पर बेसिर-पैर के आरोप लगाये गये है. जिसके लिए उन्होंने तुरंत माफी मांगनी चाहिए.
यह पत्रकार परिषद जारी रहने के दौरान ही कुछ अल्पवयीन बच्चे अपने हाथों में सीएस डॉ. निकम पर लगे आरोप झूठे रहने के बैनर लेकर उपस्थित हुए. इसे लेकर पत्रकार परिषद में हंगामा मचने के बाद इन बच्चों से यह बैनर व पोस्टर वापिस ले लिये गये.

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