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जिला नियोजन की विकास निधी के खर्च का पूरा ब्यौरा उपलब्ध कराये

भाजपा नेता दिनेश सूर्यवंशी की जिलाधीश पवनीत कौर से मांग

* पालकमंत्री ठाकुर पर लगाया भेदभाव व पक्षपातपूर्ण काम का आरोप

अमरावती/दि.20– भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य प्रा. दिनेश सूर्यवंशी ने आज जिलाधीश पवनीत कौर को एक निवेदन सौंपते हुए कहा कि, अमरावती जिले हेतु जिला नियोजन विकास प्रारूप अंतर्गत विकास निधी के तौर पर मंजूर किये गये 300 करोड रूपयों में से कितना पैसा किन कामों पर खर्च किया गया है, इसका विस्तृत ब्यौरा उपलब्ध कराया जाये. साथ ही इस बात की भी जानकारी दी जाये कि, इस निधी में से 30 प्रतिशत हिस्से के तौर पर कोविड संबंधी कामों के लिए जो 90 करोड रूपये उपलब्ध कराये गये थे, उसमें से कोविड संबंधी कामों पर कितना पैसा कहा व कैसे खर्च किया गया.
बता दें कि, विगत दिनों प्रा. दिनेश सूर्यवंशी ने पत्रकार परिषद लेेकर आरोप लगाया था कि, जिला नियोजन समिती की विकास निधी में से अब तक केवल 10 फीसद रकम ही खर्च हुई है तथा जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर की अनदेखी के चलते जिले का विकास अवरूध्द है. पश्चात मनपा के नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस शहराध्यक्ष बबलू शेखावत तथा पूर्व महापौर व पार्षद विलास इंगोले ने इस संदर्भ में एक प्रेस विज्ञप्ती जारी करते हुए प्रा. दिनेश सूर्यवंशी द्वारा लगाये गये आरोपों को तथ्यहीन बताया था. साथ ही यह भी कहा था कि, जिला नियोजन की विकास निधी में से अब तक 210 करोड रूपये के खर्च का नियोजन कर लिया गया है और शेष विकास कामों का नियोजन भी जल्द ही कर लिया जायेगा.
इसके पश्चात आज दिनेश सूर्यवंशी ने जिलाधीश पवनीत कौर से मुलाकात करते हुए उन्हेें एक विस्तृत निवेदन सौंपा. जिसमें कहा गया कि, जिला नियोजन के विकास प्रारूप अंतर्गत मंजूर की गई विकास निधी का अधिकांश हिस्सा कृषि, जलसंपदा, ग्राम विकास, परिवहन, पगडंडी रास्ते, स्वास्थ्य, आदिवासी कल्याण, रोजगार एवं स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं के विकास से संबंधित होता है और पश्चिम विदर्भ जैसे पिछडे इलाके से संबंधित अमरावती जिले में विकास निधी के खर्च का नियोजन नहीं होना बेहद दुखदायक व संतापजनक बात है. अमरावती जिले का अधिकांश हिस्सा आदिवासी व असिंचित किसानों से संबंधित है और जिले के किसान पहले ही विभिन्न प्राकृतिक समस्याओं से ग्रस्त है. इसके अलावा आगामी समय में जिले में कई चुनाव होनेवाले है. जिसके चलते अगले तीन माह के दौरान बार-बार चुनावी आचारसंहिता का सामना करना पडेगा. ऐसे में किसी भी तरह के विकास कार्य नहीं करवाये जा सकेंगे. जिससे जारी आर्थिक वर्ष में तमाम तरह के विकास कार्य पूरी तरह से ठप्प रहेंगे. ऐसे में जिला प्रशासन द्वारा आम जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए यह बताया जाना चाहिए कि, जिला नियोजन समिती की बैठक में मंजूरी मिलने के बाद 300 करोड की निधी में से अब तक कितने रूपये विकास कामों पर खर्च किये जा चुके है.
इस निवेदन में भाजपा नेता प्रा. दिनेश सूर्यवंशी ने यह आरोप भी लगाया कि, कोविड संक्रमण काल के दौरान 300 करोड रूपयों की निधी में से कोविड संबंधी कामों के लिए आवंटित की गई 90 करोड रूपयों की निधी के तहत किये जानेवाले कामों में भी जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने भेदभावपूर्ण व पक्षपातपूर्ण कार्य किया और अमरावती महानगरपालिका सहित जिले की जिन नगर पालिकाओं व ग्रामपंचायतों में भाजपा की सत्ता है, वहां पर कोविड संबंधी कामों के लिए पर्याप्त निधी ही उपलब्ध नहीं करायी गयी. जिसकी वजह से बडे पैमाने पर नागरिकों की मौत हुई. इस दौरान जिला पालकमंत्री रहने के नाते आपातकालीन प्रारूप में निर्णय लेने का अधिकार रहने के बावजूद यशोमति ठाकुर द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया गया. जिसके चलते आम नागरिकों को काफी समस्याओं व दिक्कतों का सामना करते हुए निजी कोविड अस्पतालों में लाख-डेढ लाख रूपये भरकर अपना इलाज करवाना पडा. वहीं कोविड संक्रमण काल की आड लेते हुए जिले के विकास कामों पर भी किसी तरह का कोई खर्च नहीं किया गया. जिससे जिला नियोजन की विकास निधी अखर्चित रह गई तथा जिले का विकास पूरी तरह से अवरूध्द हो गया. किंतु इसके बावजूद पालकमंत्री ठाकुर द्वारा मनपा के दो पार्षदों के कंधे पर बंदूक रखकर चलाई जा रही है. जिनके जरिये मीडिया के नाम विज्ञप्ती जारी की गई है. जबकि हकीकत में इस मामले में खुद जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने सामने आकर जवाब देना चाहिए.
इसके साथ ही प्रा. दिनेश सूर्यवंशी ने जिलाधीश पवनीत कौर से कहा कि, वे पालकमंत्री यशोमति ठाकुर सहित उनके दोनों समर्थक नेताओं से विगत दिनों जारी प्रेस विज्ञप्ती के संदर्भ में स्पष्टीकरण मांगे. साथ ही साथ 300 करोड रूपयों की निधी में से आज तक किस योजना पर कितना पैसा खर्च हुआ है, किस योजना के लिए कितना पैसा वितरित किया गया है और कितनी योजनाओं के काम पूरे हुए है. इसकी लिखित तौर पर जानकारी दी जाये. इसके अलावा कोविड संबंधी उपाय योजनाओं के लिए आवंटित 90 करोड रूपयों की निधी से किन कामों पर कहां और कितना खर्च किया गया, इसका भी विस्तृत ब्यौरा उपलब्ध कराया जाये. ऐसी मांग भी प्रा. दिनेश सूर्यवंशी द्वारा की गई है.

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