अमरावतीविदर्भ

आदिवासियों को जातिय वैधता प्रमाणपत्र सहज उपलब्ध कराए

महाराष्ट्र राज्य कृति समिति ने की मुख्यमंत्री से मांग

अमरावती गरीब आदिवासी नागरिको को जाति प्रमाणपत्र सहज उपलब्ध हो तथा प्रमाणपत्र की वैधता सहज तरीके से जांच समिति करे इसमें इन आदिवासियों का शोषण न हो, ऐसी मांग महाराष्ट्र राज्य कृति समिति द्वारा की गई है. कृति समिति ने इस आशय का निवेदन राज्य के मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे को सौंपा.

निवेदन में कहा गया कि जात प्रमाणपत्र व उसकी वैधता प्रमाणित करने के लिए शासन ठोस उपाय योजना बनाए. गरीब आदिवासियों की दिशाभूल कर उनका शोषण न करे, ऐसी मांग की गई है. कृति समिति द्वारा कहा गया है कि राज्य के महादेवी कोली, हलबा, टोकरे, कोली, मल्हार कोली, धनगर, ठाकुर, गोवारी इन ३५ जातियों में समावेश रहने के बावजूद भी आदिवासियों को जांच समिति वैधता प्रमाणपत्र देने में आनाकानी कर रही है. इन जातियों के अधिकांश नागरिको की आर्थिक परिस्थिति खराब है. उन्हें अपनी मांग मनवाने के लिए न्यायालय की चौखट तक जाना होता है. किंतु इसमें उनका समय व आर्थिक नुकसान होता है और मानसिक परेशानी भी उन्हें उठानी पडती है. जिसमें इस समुदाय का रोष स्पष्ट दिखाई दे रहा है. विदर्भ के विविध जिलो के गांव-गांव में तथा संपूर्ण राज्यभर में जांच पडताल समिति के कार्यो को लेकर विरोध किया जा रहा है.

इस विषय को लेकर आंदोलन भी किए गये. आगे भी लडाई लडी जायेगी, ऐसा महाराष्ट्र राज्य कृति समिति द्वारा कहा गया और मुख्यमंत्री से गरीब आदिवासियों को सहजता से जाति प्रमाणपत्र उपलब्ध ऐसी मांग निवेदन द्वारा की गई. इस समय महाराष्ट्र राज्य कृति समिति के महासचिव उमेश ढोणेम, एकनाथ वावरे, मीरा कोलटेके, गोपालराव ढोणे, संतोष कोलटेके, गजानन वानखडे, प्रकाश दंदे, कैलाश खोबरखेडे,उमेश दंदे उपस्थित थे.

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