40 साल से खेती कर रहे परिवार को मालिकाना अधिकार दिलवाएं
भोसले परिवार ने जिला प्रशासन से की मांग
अमरावती/दि.7-जयकींद्रा, जहिंद्रा व संजुता भोसले यह तीन फासेपारधी समाज के भाई हैं, जो जंगल में रहते हैं. पिंपलविहीर गांव के पास ई-क्लास जमीन सर्वे नं. 118 पर वे 40 सालों से खेती कर अपने परिवार का पेट भर रहे हैं. आज भी वह जमीन भोसले परिवार के कब्जे में है. फिर भी पटवारी ने उसका पंजीयन नहीं किया है. जिससे फसल का ऑन रिकार्ड पंजीयन नहीं हो पाता. ऐसे में हमें जमीन का मालिकाना अधिकार मिलना चाहिए, यह मांग करते हुए लगातार चार दिनों से महाराष्ट्र राज्य लालबावटा खेत मजदूर युनियन द्वारा भोसले परिवार के साथ धरना दिया जा रहा है.
आंदोलनकारियों ने बताया कि, आदिवासी व वनवासी लोगों के लिए वन हक्क कानून अंतर्गत जो खेतसींचता है, जमीन उसके नाम करना बंधनकारक है. फिर भी परिवार को जमीन का मालिकाना अधिकार देने से वंचित रखा गया. अनुसूचित जनजाति व अन्य परंपरागत वन निवासी अधिनियम 2006 व नियम 2008 के अंतर्गत कोई लाभ नहीं मिल रहा. प्रशासकीय अधिकारी आदिवासियों पर अन्याय कर रहे हैं. कोई भी आदिवासियों की गुहार सुनने तैयार नहीं है. इस कारण अब भोसले परिवार समेत आदिवासी फासेपारधी समाज बंधुओं ने शुक्रवार से जिलाधीश कार्यालय के सामने परिवार के साथ आंदोलन शुरु क्रिया है. इस आंदोलन के माध्यम से सोमवार को लालबावटा खेत मजदूर यूनियन की ओर से जिला प्रशासन को फिर एक बार स्मरण सत्र सौंपा गया. जिसके माध्यम से उन्होंने कहा कि, पिंपलविहीर स्थित सर्वे नं. 118 में गैरकानूनी रुप से हुए व्यवहार की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करें, इस जमीन के अतिक्रमण को नियमित करें, अन्यथा जमीन का बाजार मूल्य अनुसार दाम आदिवासी भोसले परिवार को दिया जाये, इस जमीन की जानकारी लेने आवेदन किया गया.जिसे लेकर गलत जानकारी देना, दिशाभूल करने का प्रयास गांव के पटवारी, ग्रामसेवक ने किया है. उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई करें, गांव में वनवासी, बेघर, फासे पारधी समाज को आवास योजना में प्राथमिकता दें, वन हक्क कानून, अनुसूचित जनजाति व अन्य परंपरागत वननिवासी अधिनियम 2006 व 2008 का कड़ाई से पालन करें, जो कानून का अमल नहीं कर रहा उसके खिलाफ कार्रवाई करें आदि मागें रखी गई हैं. आंदोलनकारियों में सुनील घटाले, भैयासाहेब निर्मल, एड. संजय वानखडे, संजय गडलिंग, जयद्रा भोजले, संजुता भोसले, उमेश बनसोड, किरण गुडधे, बालासाहेब कोराटे, अशोक सोनारकर, लता सोनारकर, नीलकंठ ढोके, बाबाराव इंगले, राहुल चोपकर, प्रा. अशोक राऊत, दादासाहेब क्षीरसागर, राहुलदेव मनवर, रामेश्वर डेंडुले, विजय धोगालिया, केदार कुशवाह, आर. डी. चव्हाण, संगीता भोसले, जयकिंद्र भोसले, जयहिंद भोसले, अनीता भोसले, रविंद्र भोसले, अंकिता भोसले, राजेश पवार, रिना पवार, रजनी पवार, जाही भोसले आदि सहभागी थे.