अमरावती/दि.20-राज्य के माध्यमिक शालाओं में काम करने वाले लिपिक, प्रयोगशाला सहायक व कर्मचारी को पदोन्नति का मौका उपलब्ध करने से राज्य सरकार ने शासन निर्णय के तहत राज्य के शिक्षकेतर कर्मचारियों को समयबद्ध पदोन्नति योजना लागू की. राज्य के अन्य सरकारी कर्मचारियों को 20 जुलाई 2001 शासन निर्णय के तहत आश्वासित प्रगती योजना लागू कर इसका प्रत्यक्ष लाभ 1 जनवरी 1996 से दिया गया. इस योजना में शिक्षकेतर कर्मचारियों को पदोन्नति का अवसर उपलब्ध नहीं होन से आश्वासित प्रगति योजना अंतर्गत वरिष्ठ वेतन श्रेणी दी गई. शासन निर्णय 1 अप्रैल 2010 के तहत राज्य सरकारी कर्मचारियों को 24 वर्षों की सेवा के बाद पदोन्नति का दूसरा लाभ दिया गया. इसी तर्ज पर माध्यमिक शाला में काम करने वाले शिक्षकेतर कर्मचारियों को भी अन्य सरकारी कर्मचारियों की तरह आश्वासित प्रगति योजना का लाभ मिलने के लिए संघर्ष शुरु था. जिसके फलस्वरूप सरकार ने 14 मार्च 2024 शासन निर्णय के तहत राज्य के शिक्षकेतर कर्मचारियों को 24 साल के बाद के दूसरे लाभ की योजना घोषित की, किंतु 24 साल के बाद का यह दूसरा लाभ उनकी नियुक्ति तारिख से न देकर 1 जनवरी 2025 से देने के आदेश निकाले है. जिससे शिक्षकेतर कर्मचारियों का आर्थिक नुकसान होगा.
शासन निर्णय अनुसार जो शिक्षकेतर कर्मचारी 1 जनवरी 2024 से पूर्व सेवानिवृत्त हुए है, उन्हें इस शासन निर्णय का कोई लाभ नहीं मिलेगा. इसलिए जिले के शिक्षकेतर कर्मचारियों ने मुंबई उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ में दावा करने का सुनिश्चित किया है. इसके लिए संबंधितों ने बुधवार 24 जुलाई तक सिंधी हिंदी हाईस्कूल व कनिष्ठ महाविद्यालय कृष्णा नगर-रामपुरी अमरावती में राजकुमार चैनानी से संपर्क करने का आह्वान किया है.